कानपुर: केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने पिता डॉ सोने लाल पटेल की जयंती को यादगार बनाने के लिए कन्नौज को चुना है. दरसल कन्नौज समाजवादियों का गढ़ माना जाता है और अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव कन्नौज से सांसद है. अनुप्रिया पटेल पिता की जयंती के बहाने सीधे एसपी के गढ़ में सेंध लगाने की राजनीति से भी देखा जा रहा. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह से कि एसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आने वाले 2019 लोक सभा का चुनाव कन्नौज से लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. कन्नौज में होने वाले डॉ सोने लाल पटेल की जयंती ने चर्चा का नया विषय बन बन गया है.
कई दिग्गज रहेंगे मौजूद
अपना दल के संस्थापक डॉ सोने लाला पटेल की जन्म जयंती 2 जुलाई को कन्नौज में मनायी जाएगी. इस मौके पर बीजेपी के कई दिग्गज, अपना दल के सांसद और विधायक मौजूद रहेगे. बीते गुरुवार को केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कन्नौज जाकर कार्यक्रम की रूप रेखा तैयार की है.
एसपी का गढ़ है कन्नौज, 2014 के लोकसभा चुनाव में भी एसपी ने कन्नौज में जीत दर्ज की थी
एसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इस बात की घोषणा पहले ही का चुके हैं कि डिम्पल यादव अब चुनाव नहीं लड़ेंगी. इस स्थिति पर अखिलेश यादव का कन्नौज से लोक सभा का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है. दरसल कन्नौज एसपी का गढ़ है,2014 के लोकसभा चुनाव में कानपुर बुंदेलखंड की दस सीटो में से बीजेपी ने 09 सीटो पर कब्ज़ा जमाया था लेकिन कन्नौज की सीट एसपी के हाथ लगी थी.
कन्नौज से अनुप्रिया पटेल अपना प्रत्याशी उतारने के मूड में हैं
अनुप्रिया पटेल ने पिता की जयंती मानाने के लिए कन्नौज को ही क्यों चुना इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है ओबीसी वोटर और मानसिक रूप से एसपी पर प्रेशर बनाना भी माना जा रहा है. कन्नौज में सबसे ज्यादा यादव वोटर है और इसके बाद दूसरे नंबर पर कुर्मी समाज के लोग हैं. अनुप्रिया पटेल की नजर कुर्मी समाज के वोटरों पर ,इससे यह बात स्पष्ट होती है कि कन्नौज से अनुप्रिया पटेल अपना प्रत्याशी उतारने के मूड में हैं.
एसपी के गढ़ में सेंध लगाने की राजनीति
जानकारी के मुताबिक बीजेपी कन्नौज से किसी को टिकट नहीं देगी ,लेकिन अपनी सहयोगी पार्टीय अपना दल को आगे करके वह एसपी के गढ़ में सेंध लगाने की राजनीति करने में पीछे भी नहीं हटेगी. बीजेपी कूटनीति कर लोकसभा चुनाव से पहले कन्नौज में डॉ सोने लाल पटेल की जयंती के माध्यम से यहां के वोटरों के मूड को भी जानने का प्रयास करेगी.
जानकारी के मुताबिक बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल आने वाले लोक सभा चुनाव में 10 से 15 सीटें मांग सकती है.हालांकि अनुप्रिया पटेल ने यह स्पष्ट कर दिया कि अभी सीटों के बंटवारे पर चर्चा नहीं हुई लेकिन हम जल्द ही इस विषय पर बात करेंगे.