लखनऊ: समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के बाद अब उनकी छोटी बहू अपर्णा यादव शनिवार को समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के अध्यक्ष शिवपाल यादव के साथ नजर आईं. इससे यूपी की सियासत में सरगर्मी बढ़ गई है. अपर्णा ने कहा कि शिवपाल यादव उनके चहेते नेता हैं और मुलायम सिंह यादव के बाद वो उन्हीं को सबसे ज्यादा पसंद करती हैं.


अपर्णा यादव ने कहा, "माननीय चाचा जी हमारे चहेते नेता हैं. नेताजी के बाद मैंने इन्हीं को सबसे ज्यादा माना है. मैं चाहती हूं कि सेक्युलर मोर्चा आगे बढे." उन्होंने कहा, "आज भारत में किसान मर रहा है, जवान मर रहा है. अगर हमें अपने बेटों को ऐसे ही शहीद करना है तो इससे अच्छा है कि खड़ा करके उनको गोली मार दें".


राष्ट्रीय क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी के स्थापना दिवस के कार्यक्रम में बोलते हुए अपर्णा ने विपक्षी एकता को मजबूती देने का राजनीतिक दलों से आह्वान किया. उन्होंने कहा विपक्षी दल अगर एक साथ आ जाएं तो ये एक शक्ति बन जाएगी. शिवपाल यादव की पार्टी समाजवादी सेक्युलर मोर्चा को मजबूती देने के लिए अपर्णा यादव ने कहा कि एकता की शक्ति का इस्तेमाल कर इस दल को बल में बदल दीजिए.


अपर्णा यादव ने कहा कि सेक्युलर मोर्चा को मजबूती दें और मजबूती के साथ देश के लोकतंत्र को सशक्त बनाएं. उन्होंने चुनाव में अच्छे लोगों को चुनकर लाने की अपील की. अपर्णा ने कहा, "यहां 24 राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई थी. सब अगर एक साथ आ जाएं तो वो एक शक्ति बन जाएगी. शक्ति". उन्होंने कहा, "शक्ति को इकट्ठा करें और इस दल को बल में बदल दीजिए. मैं चाहती हूं कि सेक्युलर मोर्चा मजबूत हो, मजबूती के साथ अपने लोकतंत्र को मजबूत करें".


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अपर्णा यादव समाजवादी पार्टी के टिकट पर लखनऊ कैंट से विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं, लेकिन उन्हें रीता बहुगुणा जोशी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. मुलायम सिंह यादव ने विधानसभा चुनाव में केवल शिवपाल सिंह यादव, अपर्णा यादव तथा पारसनाथ यादव के लिए चुनाव प्रचार किया था. समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मुलायम सिंह यादव के भाई और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव ने सपा से नाराज होकर हाल ही में समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाया है.

गौरतलब है कि अपर्णा यादव और अखिलेश यादव के बीच तल्खी यूपी विधानसभा चुनाव के पहले से ही जगजाहिर है. समय-समय पर अपर्णा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी करती रहीं हैं. ऐसे में शिवपाल के साथ उनके मंच साझा करने से यूपी की सियासत में नई चर्चा छिड़ गई है.

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