दलित वोटों पर अपना दल की नजर, 10 लोकसभा सीटें की मांग की कवायद शुरू की
राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल ने उत्तर प्रदेश के 50 फीसदी जिलों में दलित अधिकारियों को तैनात करने की मांग की है. इस सम्बन्ध में प्रदेश सरकार से बात चीत भी की गई है, इससे यह बात स्पष्ट है कि अपना दल (एस) की नजर भी दलित वोटरों पर है.
कानपुर: अपना दल (एस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एक हफ्ते के अंदर दूसरी बार कार्यकर्ताओं के साथ चुनावी रणनीति तैयार करने के लिए कानपुर पहुंचे. राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल ने उत्तर प्रदेश के 50 फीसदी जिलों में दलित अधिकारियों को तैनात करने की मांग की है. इस सम्बन्ध में प्रदेश सरकार से बातचीत भी की गई है, इससे यह बात स्पष्ट है कि अपना दल (एस) की नजर भी दलित वोटरों पर है. अपना दल (एस) जनपद कानपुर देहात की अकबरपुर लोक सभा सीट और फतेहपुर लोकसभा सीट की मांग बीजेपी से कर सकती है. आशीष पटेल अकबरपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में है, एक हफ्ते के अन्दर कानपुर में कार्यकर्ताओ के साथ यह उनकी दूसरी बैठक थी.
लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं आशीष पटेल
अपना दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति हैं. आशीष पटेल आने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं और संगठन को मजबूत बनाने की जिम्मेद्दारी उन्हीं के पास है. अपना दल (एस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल सोमवार शाम कानपुर पहुंचे और संगठन के कार्यकर्ताओं के साथ समीक्षा बैठक की. दरअसल अपना दल (एस) और बीजेपी का लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ेगी, अपना दल (एस) 2019 के लोकसभा सभा चुनाव में 10 से 12 सीटो की मांग कर रही है. 2014 के लोकसभा चुनाव में अपना दल ने प्रतापगढ़ और मिर्जापुर में जीत हासिल की थी. अपना दल के बढ़ते वर्चस्व से पार्टी गदगद है. अब देखने वाली बात यह होगी की बीजेपी अपना दल (एस) को सीटे देने को तैयार होगी या नहीं.
अपना दल (एस) कानपुर बुंदेलखंड की दो लोकसभा सीटो की मांग कर रही है
सबसे बड़ी बात यह कि कानपुर-बुंदेलखंड अब बीजेपी का गढ़ बन चुका है. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 10 में से 09 सीटो पर जीत हासिल की थी. 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने कानपुर बुंदेलखंड की ऐसी घेराबंदी की है कि किसी भी दल को सोचना पड़ेगा की इस किले को कैसे भेदा जाए. लेकिन अब बीजेपी को सबसे ज्यादा अपनों से डर लग रहा है, अपना दल (एस) कानपुर बुंदेलखंड की दो लोकसभा सीटो की मांग कर रही है. जिसमें जनपद फतेहपुर की संसदीय सीट और दूसरी कानपुर देहात के अकबरपुर लोकसभा सीट है, फतेहपुर से वर्तमान सांसद केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और अकबरपुर से देवेन्द्र सिंह भोले सांसद हैं.
अपना दल के राष्ट्रिय अध्यक्ष आशीष पटेल ने सर्किट हाउस में कानपुर नगर और कानपुर देहात के कार्यकर्ताओं के साथ समीक्षा बैठक की. उन्होंने कार्यकर्ताओं से कानपुर जिले और उसके आसपास के जिलों की रिपोर्ट तैयार करने को कहा है जहां पर दलितों की आबादी ज्यादा हो, ताकि वहां दलितों के बीच जाकर संगठन को मजबूत किया जा सके.प्रदेश के 50 फीसदी जिलो में दलित अधिकारियों को तैनात किए जाने की मांग
आशीष पटेल ने लोकसभा चुनाव से पहले दलितों को लुभाने के लिए प्रदेश में 50 फीसदी जिलो में दलित अधिकारियों को तैनात किए जाने की मांग उठाई है. जिसमें डीएम, एसपी और थानों में तैनात थानाध्यक्ष दलित हों. इस सम्बन्ध में प्रदेश सरकार को भी अवगत कराया गया है. इस प्रक्रिया से दलितों का उत्थान होगा, दलित भारत निर्माण में सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. कुछ पार्टियों ने दलितों को अपनी विरासत बनाकर रखा है, लेकिन उनके उत्थान के लिए कुछ नही किया है..
कानपुर-बुंदेलखंड की दो ऐसी सीटे हैं जहां पर कुर्मियों की संख्या सबसे ज्यादा है. कुर्मी समाज में अपना दल (एस) की पकड़ भी है, लेकिन अपना (एस) फतेहपुर और अकबरपुर लोकसभा सीट से कभी लोकसभा का चुनाव जीती नहीं है. आशीष पटेल कुर्मी बहुल क्षेत्र वाली सीट अकबरपुर से चुनाव लड़ना चाहते हैं. लेकिन वर्तमान में यह दोनों ही सीटे बीजेपी के पास हैं.