बरेली: यूपी के बरेली और बदायू में फैले बुखार ने महामारी का विकराल रूप ले लिया है. रुहेलखंड में फेलसिफेरम मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारी ने दस्तक दे दी है. स्वास्थ्य विभाग की मानें तो पिछले 20-30 सालो में उन्होंने पूरे भारत में फेलसिफेरम मलेरिया के मामले नहीं देखे. लेकिन बरेली और बदायू में अब फेलसिफेरम मलेरिया के सैकड़ो मरीज मिले हैं. रुहेलखंड में अब तक सैकड़ों लोगोx की जान इस जानलेवा बुखार ने ले ली है लेकिन सबसे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण और लापरवाही वाली बात ये है की पिछले एक महीने से फैली इस महामारी के बारे में स्वास्थ्य महकमे को पता ही नहीं चला सका और यही वजह रही की सैकड़ो लोग बेमौत मारे गए.
भारत में 20 -30 सालो बाद फैली फेलसिफेरम मलेरिया की महामारी
जिले में हुई सैकड़ो मौतों के बाद स्वास्थ्य महकमा कुम्भकर्णी नींद से जाग गया है. इतनी सारी मौतों के बाद स्वास्थ्य विभाग ये पता लगा सका की आखिर ये कौनसा बुखार है जो लोगो की जान तक ले रहा है. जिला अस्पताल में सीएमओ और यूपी के स्टेट सर्विलांस ऑफिसर डॉ विकास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया की बुखार ने महामारी का विकराल रूप ले लिया है. डॉ विकास ने बताया की जिले में पिछले 2 दिनों में 1500 फेलसिफेरम मलेरिया के मरीज मिले हैं. उनका कहना है की ये बहुत ही खतरनाक मलेरिया होता है.
डॉ विकास ने बताया की मलेरिया दो तरह का होता है वाईमैक्स मलेरिया और दूसरा फेलसिफेरम मलेरिया. उन्होंने बताया की वाईमैक्स मलेरिया से डरने की कोई जरूरत नहीं होती ये साधारण मलेरिया होता है लेकिन फेलसिफेरम मलेरिया खतरनाक बीमारी है जिससे जान भी जा सकती है. उन्होंने बताया की बरेली में बुखार का बहुत ज्यादा प्रकोप देखने को मिल रहा है. यही वजह है की बरेली में राज्य स्तरीय डॉक्टर्स की टीम ने डेरा डाल रखा है. इतना ही नहीं केंद्रीय टीम भी बरेली में इन दिनों हालातों पर नजर बनाये हुए है.
सैकड़ो मौतों के बाद स्वास्थ्य महकमे को हुई जानलेवा बीमारी की जानकारी
बुखार ने अब तक सैकड़ो लोगों की जान ले ली है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग अभी भी 41 लोगो की मौत की मौत की पुष्टि कर रहा है. जिसमें से 21 की मौत जानलेवा बुखार और 20 मौते अन्य बिमारियों से होना बताई जा रही है. बुखार की जड़ में बच्चे, बड़े और बुजुर्ग सभी हैं. अब तक इस महामारी से कई बच्चो की भी मौत हो चुकी है तो हजारों लोग इससे ग्रसित हैं. सबसे खतरनाक और डराने वाली बात जो है वो ये की फेलसिफेरम मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारी ने रुहेलखंड में दस्तक दे दी है.
सीएमओ विनीत कुमार शुक्ला ने बताया की पिछले 2 दिनों में 1500 से अधिक मामले फेलसिफेरम मलेरिया के सामने आ चुके हैं. सीएमओ ने बताया की 95 डॉक्टरों की टीम पूरे जिले में मूव कर रही है. जो घर घर जाकर और गांव-गांव कैम्प लगाकर आरडीटी किट से चेकब कर तीन मिंट में फेलसिफेरम मलेरिया का पता लगा रही है. उनका कहना है की अगर टेस्ट में फेलसिफेरम मलेरिया पाया जाता है तो उसे तीन दिन की दवा दी जाती है जिसको खाने के बाद इस बीमारी से जान बचाई जा सकती है.
सीएमओ डॉ शुक्ला ने बताया की जिले में 12 नोडल ऑफिसर, 7 स्टेट लेवल के ऑफिसर, 5 जिला स्तरीय, टीम लगाई गई है. इसके आलावा निजी डॉक्टरों की भी मदद ली जा रही है. एसआरएमएस मेडिकल कालेज, रुहेलखंड मेडिकल कॉलेज, राजश्री मेडिकल कालेज और मिशन अस्पताल के डॉक्टरों की टीम भी इस महामाई से निपटने के लिए लगाई गई है. उन्होंने बताया की अब तक 578 गांव में लार्वा नाशक स्प्रे करवाया गया है. 95 गांव में फॉगिंग कराइ गई है.
स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह जिला अस्पताल का कर चुके है निरीक्षण
गौरतलब है की मीडिया में खबरे आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लिया था और बरेली जिला अस्पताल का निरिक्षण करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल को भेजा था. स्वास्थ्य मंत्री ने जिले में फैली महामारी को देखने के बाद जिला मलेरिया अधिकारी, नगर स्वास्थ्य अधिकारी समेत चार लोगों को सस्पेंड कर दिया था. इसके आलावा दोनों सीएमएस की भी फटकार लगाई थी.