सहारनपुर: बीजेपी सांसद हुकुम सिंह के निधन से खाली हुई कैराना लोकसभा सीट पर कल 28 मई को होने जा रहे उपचुनाव के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. संसदीय क्षेत्र में सुरक्षा की दृष्टि से अर्द्धसैनिक बलों की 51 कंपनियों को भी तैनात किया जाएगा.


उपचुनाव की सभी तैयारियां पूरी 

सहारनपुर के डीआईजी शरद सचान ने बताया कि 28 मई को होने वाले उपचुनाव की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है. कैराना लोकसभा सीट के तहत पांच विधानसभा सीटें शामली जिले की थानाभवन, कैराना और शामली विधानसभा सीटों के अलावा सहारनपुर जिले की गंगोह और नकुड़ आती हैं.

26 कंपनियों  को शामली और 25 को सहारनपुर में तैनात किया जाएगा

सचान ने बताया कि पुलिस ने चुनाव को निष्पक्ष और शान्तिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए सुरक्षा के कड़े प्रबन्ध किये हैं.उन्होंने बताया कि चुनाव के लिए केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की 51 कंपनियों को तैनात किया जाएगा. उनमें से 26 को शामली और 25 को सहारनपुर जिले में तैनात किया जाएगा.अधिकारियों ने बताया कि चुनाव से पहले कैराना की सीमा को सील कर दिया जाएगा.

बीजेपी सांसद हुकुम सिंह के निधन के बाद कैराना लोकसभा सीट पर उपचुनाव

बीजेपी सांसद हुकुम सिंह के निधन के बाद कैराना लोकसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है. बीजेपी ने उनकी बेटी मृगांका सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. वह राष्ट्रीय लोक दल की प्रत्याशी तबस्सुम हसन के खिलाफ मैदान में है. तबस्सुम को कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का समर्थन है.

सत्तारूढ़ बीजेपी का प्रचार करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि एसपी प्रमुख अखिलेश यादव के हाथों पर 2013 में मुजफ्फरनगर में हुए दंगों के पीड़ितों के खून के दाग हैं. वर्ष 2016 में हिन्दुओं के कथित पलायन का मुद्दा उठने के बाद कैराना में सांप्रदायिक तनाव भी रहा था.

आरएलडी की प्रत्याशी तबस्सुम ने कहा, समान ‘विचारधारा वाली पार्टियों’ का समर्थन मिल रहा है

आरएलडी की प्रत्याशी तबस्सुम ने कहा कि बीजेपी की ‘विभाजनकारी हरकतों’ के बावजूद उन्हें समान ‘विचारधारा वाली पार्टियों’ और समाज के विभिन्न तबकों से समर्थन मिल रहा है. विपक्ष उम्मीद लगा रहा है कि वोटों की लामबंदी बीजेपी की मृगांका सिंह को शिकस्त देने के लिए काफी होगी.

2016 में कैराना से हिन्दू परिवारों का पलायन होने के हुकुम के इस दावे पर, आरएलडी की प्रत्याशी ने कहा, ‘‘कैराना में ऐसा कुछ नहीं हुआ था.’’