नई दिल्ली: अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू और कश्मीर को मिले विशेष राज्य का दर्जे को केंद्र सरकार द्वारा खत्म करने के फैसले का जेडीयू ने विरोध किया है. जेडीयू के सीनियर नेता केसी त्यागी ने कहा कि वे सरकार के इस फैसले से सहमत नहीं है. उन्होंने कहा कि ये एनडीए का फैसला है. यह जनसंघ और बीजेपी का एजेंडा है. हमसे इसको लेकर कोई बातचीत नहीं की गई. उन्होंने आगे कहा कि जेडीयू और नीतीश कुमार, जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया और जार्ज फर्नांडीस की नीतियों पर चलने वाले लोग हैं. उन्होंने 370 को बनाए रखने के लिए लड़ाइयां लड़ी थीं. इसलिए इस फैसले के समर्थन का सवाल ही नहीं है. जब उनसे ये पूछा गया कि क्या वे एनडीए में बने रहेंगे, इसपर उन्होंने कहा कि बताशों पर मंदिर तोड़े नहीं जाते. यानी इशारा साफ था कि जेडीयू एनडीए का हिस्सा बनी रहेगी.
पप्पू यादव भी विरोध में
जन अधिकार पार्टी (लेपर) सुप्रीमो व पूर्व सांसद पप्पू यादव ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर देश का गर्व है, देश का मस्तक है. जम्मू-कश्मीर के नागरिक देश के गौरव हैं. उनकी भावनाओं व नजरिये को सम्मान दिए बिना, उन्हें विश्वास में लिए बगैर भारत का भला नहीं हो सकता. धर्म के नाम पर कश्मीरियों को देश में सियासी लाभ का जरिया बना, सनकी राजनीति करने वालों को इतिहास माफ नहीं करेगा.
पीडीपी का विरोध
केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने ट्वीट किया, ''इस फैसले का उपमहाद्वीप में भयावह परिणाम होंगे. भारत सरकार के इरादे स्पष्ट हैं. वे जम्मू-कश्मीर में वहां के लोगों को आतंकित कर के क्षेत्र पर अधिकार पाना चाहती है. कश्मीर में भारत अपना वादा निभाने में विफल रहा.''
किसने किया समर्थन
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने मोदी सरकार का राज्यसभा में समर्थन किया है. राज्यसभा में बीएसपी सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि वे इस प्रस्ताव का समर्थन करते हैं. इसके अलावा बीजेडी और YSR कांग्रेस ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया है. वहीं, आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक ट्वीट के ज़रिए सरकार के इस फैसले का समर्थन किया. उन्होंने कहा,''जम्मू-कश्मीर पर सरकार के फैसलों का हम समर्थन करते हैं. हमें उम्मीद है कि इससे राज्य में शांति और विकास होगा.''