पटना: राबड़ी देवी को अंगूठाछाप कहना केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को भारी पड़ता नज़र आ रहा है. रामविलास पासवान के इस बयान के खिलाफ उनकी ही बेटी आशा पासवान धरने पर बैठ गई हैं. गर्दनीबाग धरनास्थल पर महिला कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठी हैं. आशा पासवान ने अपने पिता से माफी की मांग की है. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उनके पिता ने राबड़ी देवी को लेकर दिया बयान वापस नहीं लिया तो उनका ये विरोध प्रदर्शन आगे भी जारी रहेगा.
आशा पासवान ने अपने पिता पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वो शुरू से ही महिलाओं का अपमान करते आए हैं. इससे पहले कल आशा पासवान ने मीडिया को दिए बयान में दावा किया था कि उनके और उनकी मां के अनपढ़ होने की वजह से ही रामविलास पासवान ने उन्हें छोड़ दिया था.
धरनास्थल पर ही मौजूद रामविलास पासवान के दामाद और आशा पासवान के पति साधु पासवान ने कहा कि वो पासवान जी का काफी सम्मान करते हैं लेकिन उन्होंने राबड़ी देवी को लेकर जो बयान दिया है वो गलत है. साधु पासवान ने कहा कि उनकी पत्नी महिला हैं फिर वो कैसे महिलाओं का अपमान सह सकती हैं. देश में अभी भी 75 फीसदी घरेलू महिलाएं अशिक्षित हैं. साधु पासवान ने रामविलास पासवान के बयान को अफसोसनाक बताते हुए उसकी निंदा की. उन्होंने साथ ही कहा कि पासवान जी को इसके लिए माफी मांगनी ही पड़ेगी.
रामविलास पासवान ने क्या कहा था?
रामविलास पासवान बीते शुक्रवार को पटना में पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने के केंद्र सरकार के फैसले का विरोध करने पर रामविलास पासवान ने आरजेडी को आड़े हाथों लेते हुए बिना नाम लिए कहा था कि "वे (आरजेडी) सिर्फ नारेबाजी करते हैं और एक अंगूठाछाप को मुख्यमंत्री बनाते हैं."
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रामविलास के इसी बयान के बाद उनकी बेटी सामने आईं और पिता के बयान को महिलाओं का अपमान बताया, पिता से माफी की मांग की और माफी न मांगने पर धरने पर बैठने की चेतवानी दी. हालांकि इसके बाद भी रामविलास पासवान की तरफ से कोई बयान नहीं आया जिसके बाद आज उनकी बेटी आशा पासवान आरजेडी महिला कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठ गईं.
पिता के खिलाफ मोर्चा खोलने के पीछे की राजनीति
दरअसल आशा पासवान रामविलास पासवान की पहली पत्नी राजकुमारी देवी की बेटी हैं. रामविलास पासवान को पहली पत्नी से दो बेटियां हैं जबकि दूसरी पत्नी से एक बेटा और एक बेटी है. दूसरी पत्नी के बेटे चिराग पासवान ही रामविलास पासवान के उत्तराधिकारी माने जाते हैं, पार्टी से लेकर परिवार तक उन्हें ही सारी अहमियत दी जाती है. जबकि रामविलास की पहली पत्नी उनसे अलग गांव में रहती हैं.
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रामविलास पासवान के दामाद और आशा पासवान के पति साधु पासवान पिछले साल ही आरजेडी में शामिल हुए हैं. हाजीपुर सीट पर वो खुद या फिर अपनी पत्नी को लोकसभा का चुनाव लड़वाना चाहते हैं, इसीलिए वो आरजेडी से लोकसभा टिकट की जुगाड़ में लगे हुए हैं.
साधु पासवान पहले भी कई बार अपनी पत्नी को पिता के खिलाफ चुनाव लड़ने की बात करते रहे हैं. रामविलास पासवान हाजीपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं, हालांकि हालिया राजनीतिक घटनाक्रमों से कयास लगाए जा रहे हैं कि रामविलास पासवान इस बार लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे बल्कि राज्यसभा जाएंगे.
आज साधु पासवान ने फिर से कहा कि अगर पार्टी (आरजेडी) उनकी पत्नी आशा पासवान को टिकट देगी तो वो निश्चित तौर पर अपने किसी भी परिजन (पिता, भाई, चाचा) के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी. सूत्रों का दावा है कि बेटी के पिता के खिलाफ मोर्चा खोलने के पीछे भी दामाद ही मुख्य भूमिका में हैं, ऐसा करके वो आरजेडी में अपने नंबर बढ़वाने की फिराक में हैं.
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