पटना: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि विपक्षी पार्टी एक रणनीति के तहत दलित विरोधी बताकर बीजेपी को बदनाम कर रही है. वरिष्ठ बीजेपी नेता ने एनडीए में शामिल घटकों के बीच किसी प्रकार का मनमुटाव या असंतोष होने की बात से इनकार किया है. बता दें कि कुछ महीने पहले ही अश्विनी कुमार चौबे के बेटे अर्जित शास्वत भागलपुर में दंगा भड़काने के मामले में गिरफ्तार हुए थे.


भाई, भाई होता है, कोई छोटा बड़ा नहीं: अश्विनी चौबे


अश्विनी चौबे ने कहा, "एनडीए में कोई विवाद नहीं है. गठबंधन में कई राजनीतिक दल हैं और सबकी अपनी-अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं हैं, उनकी ओर से अधिक सीटों की मांग करना स्वाभाविक है. मगर चुनाव के पूर्व मिल-बैठकर इन सभी बातों को आपस में सुलझा लेंगे." बिहार में जेडीयू के 'बड़े भाई' की भूमिका में रहने के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "भाई, भाई होता है, कोई छोटा बड़ा नहीं है. भाई के प्रेम की भावना का गठबंधन ही एनडीए है."


राजनीति के नए 'बउआ' हैं तेजस्वी यादव: चौबे


बिहार की राजनीति के संबंध में पूछे जाने पर चौबे ने कहा कि यहां एनडीए बहुत ऊपर है. बिहार के कई दिग्गज नेताओं को लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी यादव जैसे नए नेताओं के नेतृत्व में काम करने के प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव राजनीति के नए 'बउआ' हैं.


बकौल चौबे, "आरजेडी एक पारिवारिक पार्टी है और जैसे राजा का बेटा राजा होता है वही स्थिति है यहां. मुझे नहीं समझ में आता ऐसे नेता बाहर क्या मुंह दिखाएंगे जब उन्होंने तेजस्वी को अपना नेता मान लिया है. इन्हीं लोगों ने राबड़ी देवी को भी अपनी नेता माना था." उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि आरजेडी के रघुवंश प्रसाद सिंह, अब्दुल बारी सिद्दीकी जैसे लोग भी तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पीछे के पांत में बैठेंगे. पूरे बिहार की राजनीति के लिए यह दुर्भाग्यपूर्ण है.


सभी क्षेत्रों में सरकार दलितों के लिए काम कर रही है: चौबे


बेबाक बयानों के लिए चर्चित चौबे ने हाल के दिनों में दलितों पर हुए अत्याचार के विषय में पूछे जाने पर कहा कि आज जो दलितों के नाम पर स्थिति बनाई जा रही है, वह आज की राजनीति की एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है. उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार ने जितना दलित विकास का काम पिछले चार सालों में किया है, उतना काम कांग्रेस के 60 साल के शासन में भी नहीं हुआ. नरेंद्र मोदी सरकार की जो भी योजनाएं हैं, उन सभी के केंद्र में दलित सुधार छिपा है चाहे जन धन योजना हो, उज्‍जवला योजना हो, स्वच्छता अभियान हो, मेक इन इंडिया हो, स्किल डेवलेपमेंट हो या अन्य योजनाएं हों. सभी क्षेत्रों में सरकार दलितों के विकास के लिए काम कर रही है."