लखनऊ: उद्योग चेंबर एसोचैम ने केन्द्र सरकार को सुझाव दिया है कि आगामी बजट में वरिष्ठ नागरिकों की सुविधा के लिए साढ़े सात लाख रुपये तक की आय को करमुक्त किया जाना चाहिये. केन्द्र को सौंपे बजट पूर्व ज्ञापन में चेंबर ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों यानी 60 वर्ष से अधिक आयु वाले नागरिकों के लिए न्यूनतम कर रियायत सीमा तीन लाख रूपये से बढ़ाकर साढे सात लाख रूपये की जानी चाहिये. इसके साथ ही 80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों की 12.5 लाख रूपये तक की आय को कर मुक्त रखा जाना चाहिये.


संगठन ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के पास उनके सक्रिय जीवन के दौरान भारी भरकम सामाजिक सुरक्षा-पेंशन फंड निवेश सुविधा नहीं हो पाती इसलिए वे अधिकांशतया सावधि जमा की ब्याज की आय पर निर्भर करते हैं.


एसोचैम ने कहा कि पिछले साल भर में ब्याज दर में काफी गिरावट आयी है. इससे वरिष्ठ नागरिकों को वित्तीय दिक्कतें पेश आ रही हैं.


बुजुर्गों का चिकित्सकीय व्यय भी काफी अधिक हो जाता है क्योंकि मेडिक्लेम बीमा पालिसी से कवर लोगों को एक या दो क्लेम करने के बाद उंचा बीमा प्रीमियम भरना पड़ता है.


एसोचैम के उप महासचिव सौरभ सान्याल ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों ने सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है. परिवारों को पालने पोसने और राष्ट्र निर्माण में योगदान किया है. ऐसे में बुजुर्गों का कल्याण हमेशा हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए.


एसोचैम ने सरकार को वरिष्ठ नागरिकों के ब्याज भुगतान पर टीडीएस कटौती नहीं किये जाने का भी सुझाव दिया है. चेंबर ने यह भी सुझाव दिया कि सरकार को बुजुर्गों की आयु सीमा 80 वर्ष से घटाकर 70 वर्ष करनी चाहिए.


एसोचैम ने कहा कि भारत में 2011 की जनगणना के अनुसार पुरूषों की औसत आयु 67.3 वर्ष और महिलाओं की 69.6 वर्ष है. इसमें सुधार लाने की आवश्यकता है.