गोरखपुर: अटल अस्थि कलश यात्रा शनिवार को मूसलाधार बारिश के बीच कुशीनगर से महराजगंज होते हुए गोरखपुर पहुंची. सर्वदलीय श्रद्धांजलि सभा में दलगत सीमाओं को तोड़ते हुए सभी दलों के नेताओं और सामाजिक संगठनों के लोगों ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बि‍हारी बाजपेयी को श्रद्धासुमन अर्पित किया. इस अवसर पर उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ श्रद्धांजलि सभा के दौरान कई बार भावुक हुए. उन्‍होंने अपनी नम आंखों से निकलने वाले आंसुओं को रोकने का भी प्रयास किया. लेकिन, जब उनकी आंखे डबडबा गईं, तो उन्‍हें रुमाल से अपनी आंखें पोछनी पड़ी. इसके बाद वे अटल अस्थि कलश यात्रा के साथ पैदल ही राजघाट स्थित राप्‍ती नदी के पावन तट पर पहुंचे, जहां उनकी अस्थियों को नदी में प्रवाहित किया गया.



अटल अस्थि कलश दोहपर 2 बजे श्रद्धांजलि सभा स्‍थल निपाल क्‍लब पहुंचा. बारिश के दौरान ही मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ 3.30 बजे श्रद्धांजलि सभा स्‍थल पर पहुंचे. इस दौरान जोरदार बारिश भी लोगों को अटल बिहारी बाजपेयी को श्रद्धांजलि देने और उनके अस्थि कलश यात्रा में शामिल होने से रोक नहीं सकी. सर्वदलीय श्रद्धांजलि सभा में बीजेपी के साथ कांग्रेस के जिलाध्‍यक्ष डा. सैयद जमाल समेत अन्‍य पार्टी के पदाधिकारी और सामाजिक संगठनों के लोग भी पहुंचे. यहां पर अपने उद्बोधन में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कहा कि जब भी फोरलेन, सिक्‍सलेन और राष्‍ट्रीय का नाम लिया जाएगा, तो पूर्व प्रधानमंत्री अ‍टल बिहारी बाजपेयी को याद करना स्‍वाभाविक है.



उन्‍होंने 2004 के स्‍मरण को याद करते हुए बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी राजकीय विमान से गोरखपुर एयरपोर्ट पर आए. उन्‍होंने उतरते ही कहा कि वो उनसे नाराज हैं और उनकी शिकायत बड़े महंत से करेंगे. क्‍योंकि उन्‍होंने गोरखपुर में उनकी एक भी जनसभा नहीं लगवाई है, जिस कारण उन्‍हें आसपास के हर जिले में सभा करने जाना पड़ रहा है. लेकिन, मैंने उनसे बताया कि उन्‍होंने गोरखपुर में उनकी जनसभा के लिए कहा है. इसके बाद वे महराजगंज की सभा में पहुंच गए. वहां पर मुझे मौजूद देखकर वे मौका पाकर गोरखनाथ मंदिर पहुंच गए और वहां पर बड़े महराजजी के साथ आधे घंटे तक बातचीत करने के बाद लौट गए. जब दिल्‍ली जाकर मैंने उनसे पूछा कि आपका मंदिर का कोई कार्यक्रम नहीं था, तो उन्‍होंने कहा कि मुझे लगा, कि तुम मुझसे मंदिर चलने के लिए कहोगे, लेकिन जब तुमने नहीं कहा, तो मैं खुद ही चला गया.



उन्‍होंने कहा कि पूरा देश और दुनिया आज लोकतंत्र के महान नेता को श्रद्धांजलि अर्पित कर रही है. हमें गर्व होना चाहिए कि ऐसे नेता का नेतृत्‍व हमारे देश को मिला. जिसने भी सुना एम्‍स, बीजेपी कार्यालय, उनके सरकारी आवास और अंतिम स्‍मृति स्‍थल पर पहुंच गया. उन्‍होंने पत्रकार, साहित्‍यकार, समाजसेवी, राजनेता और राष्‍ट्राध्‍यक्ष के रूप में बहुत कुछ दिया. एक पत्रकार के लिए कैसे हम सामाजिक मूल्‍य और ज्‍वलंत समस्‍याओं को निर्भीक होकर समाज और देश के सामने रख सकते हैं. एक समाज सेवी के रूप में भी कैसे हम बेहतरीन तरीके से भारत के उच्‍च आदर्शों को दुनिया के सामने रख सकते हैं. इन सभी क्षेत्रों में कार्य करने वाले मुझे लगता है कि हर तबके के लिए अटल जी का वह विराट व्‍यक्तित्‍व सदैव अनुकरणीय बना रहेगा.



श्रद्धांजलि सभा के बाद अटल अस्थि कलश यात्रा शुरू हुई, जो शहर के टाउनहाल, शास्‍त्री चौक, बेतियाहाता, अलहदादपुर, नार्मल, बर्फखाना होते हुए राप्‍ती नदी के पावन तट पर पहुंची. अटल अस्थि कलश यात्रा में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ भी पैदल ही राजघाट तक पहुंचे. यहां पर उनकी अस्थियों को राजघाट के पावन तट से राप्‍ती नदी में प्रवाहित किया गया. श्रद्धांजलि सभा की अध्‍यक्षता साहित्‍य अकादमी के पूर्व अध्‍यक्ष प्रो. विश्‍वनाथ प्रसाद तिवारी ने की.