इलाहाबाद: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां शनिवार को गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी संगम में वैदिक रीति-रिवाजों से विसर्जित की गईं. अस्थियों का विसर्जन यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और अन्य नेताओं ने किया. विसर्जन से पहले डिप्टी सीएम केशव ने पिंडदान की रस्म भी अदा की. इससे पहले पुलिस के जवानों ने सलामी देकर पूर्व पीएम को नमन किया. लगातार हो रही बारिश के बीच अपने प्रिय नेता को अंतिम विदाई देने के लिए इलाहाबाद की सड़कों पर जनसैलाब उमड़ पड़ा.
तेज़ बारिश में पांच किलोमीटर का सफर तय करने में तकरीबन साढ़े पांच घंटे का वक्त लग गया. इस दौरान रास्तों से लेकर संगम तक अटल जी के नाम के नारे गूंजते रहे. श्रद्धांजलि सभा और विसर्जन के समय माहौल पूरी तरह ग़मगीन रहा और लोगों ने नम आंखों के बीच पूर्व पीएम को अपनी श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर अटल जी के जीवन और उनके विचारों पर चर्चा करते हुए पूर्व पीएम के बताए रास्तों पर चलने का संकल्प लिया गया.
अस्थि कलश यात्रा और विसर्जन में केशव प्रसाद मौर्य के साथ ही वेस्ट बंगाल के गवर्नर केशरीनाथ त्रिपाठी, योगी सरकार के मंत्री नंद गोपाल नंदी, रीता बहुगुणा जोशी, महेंद्र सिंह, सांसद श्यामाचरण गुप्ता और वीरेन्द्र सोनकर भी मौजूद थे.
विसर्जन से पहले अस्थि कलश यात्रा तेज़ बारिश के बीच निकाली गई. रात से लगातार हो रही बारिश के बावजूद सड़कों पर लोगों का हुजूम उमड़ा हुआ था. लोग अपने प्रिय नेता को अंतिम विदाई और श्रद्धांजलि देने के लिए बारिश में भीगते हुए भी सड़कों पर जमा नजर आए. अस्थि कलश यात्रा पर रास्ते भर जगह-जगह फूल बरसाए जा रहे थे. पूर्व पीएम के अस्थि कलश पर फूल चढ़ाने के लिए कई स्कूलों के बच्चे भी सड़कों पर भीगते हुए खड़े हुए थे.