लखनऊ: योगी सरकार ने अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियों को यूपी की कई नदियों में प्रवाहित करने का फ़ैसला किया है. इस फ़ैसले को लागू करने के लिए छुट्टी के बावजूद बैठक हुई. अलग अलग जिलों के लिए अलग-अलग नदियों के नाम तय किए गए हैं.

ये भी फ़ैसला हुआ कि अटल जी से जुड़े जगहों को स्मारक बनाया जाए. उनका जन्म आगरा के बटेश्वर में हुआ था. वे पहली बार 1957 में यूपी के बलरामपुर से सांसद बने थे. लखनऊ का एमपी रहते हुए अटल जी देश का प्रधान मंत्री बने थे.

पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां यूपी के सभी 75 जिलों में भेजी जायेंगी. जहां उसे वहां की नदी में विसर्जित किए जाने का फ़ैसला हुआ है.

आगरा - यमुना और चंबल
इलाहाबाद- गंगा और यमुना
वाराणसी- गंगा, गोमती और वरुणा
लखनऊ - गोमती
गोरखपुर - घाघरा और राप्ती
कानपुर -गंगा
अलीगढ़ - गंगा और करवन
अमेठी - सई और गोमती
आज़मगढ़ - घाघरा और टोम्स
बलिया- घाघरा, गंगा और गंडक
बागपत- यमुन
चित्रकूट - यमुना
फ़ैज़ाबाद - घाघरा
ग़ाज़ियाबाद और नोएडा - यमुना और हिंडन
बुलन्दशहर और चंदौली - गंगा
बिजनौर - गंगा और रामगंगा
इटावा - चंबल और यमुना

अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां कब और कैसे प्रवाहित की जायेंगी ? अभी इस बारे में फ़ैसला होना बाक़ी है. क्या इस दौरान अटल जी से जुड़ी कोई यात्रा भी निकाली जायेगी, इस बारे में बीजेपी हाईकमान से बातचीत कर फ़ासला सीएम योगी आदित्यनाथ को करना है.

सरकार और पार्टी की कोशिश इसी बहाने अटल ज़ी और उनकी यादों से लोगों को जोड़ने की है. वैसे भी यूपी से अटल जी का भावनात्मक रिश्ता रहा है.