कानपुर: उत्तर प्रदेश के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी कमर उज जमां उर्फ डॉ. हुरैरा के साथियों की धरपकड़ के लिए अभियान छेड़ा है. जमां को कल पकड़ा गया था.


वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एटीएस) जोगेन्द्र कुमार ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पुष्टि हुई है कि जमां के किराये वाले मकान पर दो लोगों का अकसर आना जाना होता था. वे उसके साथ रूकते भी थे. कुमार ने कहा कि जिन दो लोगों का जमां के यहां आना जाना था, उनमें से एक ने मकान मालिक उजियारी लाल यादव से मकान दिलाने में मदद की थी.


एटीएस और कानपुर नगर पुलिस ने चकेरी थानाक्षेत्र में असम निवासी कमर-उज-जमां नामक हिज्बुल आतंकवादी को गिरफ्तार किया था. इस ऑपरेशन में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का भी सहयोग मिला.


शुरुआती पूछताछ में असम के जमुनामुख निवासी जमां ने स्वीकार किया कि वह हिजबुल का सक्रिय सदस्य है. यह भी पता लगा कि वह गणेश चतुर्थी के मौके पर कानपुर में किसी वारदात को अंजाम देने की फिराक में था. उसने कानपुर में एक मंदिर की रेकी भी की थी.


जमां अप्रैल 2017 में ओसामा नामक व्यक्ति के साथ जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के एक पहाड़ के जंगलों में आतंकवाद का प्रशिक्षण लेने गया था.


जमां ने अप्रैल 2018 में सोशल मीडिया पर एके-47 रायफल लेकर एक फोटो खींची थी जो खूब वायरल हुई थी। उसके बाद से ही इसकी तलाश की जा रही थी.


गिरफ्तार आतंकवादी से गहन पूछताछ की जा रही है और इसमें अन्य सुरक्षा एजेंसियों की मदद भी ली जा रही है. यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि यह आतंकवादी कश्मीर से कब कानपुर आकर छुपा था. उसके और कौन-कौन से साथी हैं. इसके अलावा उसके निशाने पर और कौन-कौन स्थान अथवा लोग थे.


जमां 2008 से 2012 तक फिलीपींस के नजदीक स्थित पलाउ गणराज्य में भी रह चुका है। एक बेटे के पिता जमां का विवाह वर्ष 2013 में असम में ही हुआ था.