महाराष्ट्र: मुंबई समेत महाराष्ट्र के तमाम जिलों से लॉकडाउन के दौरान फंसे मजदूरों का अपने गांव जाने का सिलसिला लगातार जारी है. सरकार की गाइडलाइन और पुलिस की मंज़ूरी के साथ इन मजदूरों को उनके गांव और घरों तक पहुंचाने की व्यवस्था महाराष्ट्र सरकार लगातार कर रही है इसके लिए इन मजदूरों को एक फॉर्म भी भरना पड़ रहा है, जिसमें वह अपनी सारी डिटेल्स लिखते हैं. फॉर्म भरने के लिए मजदूरों को इस वक्त पढ़े लिखे लोगों का सहारा लेना पड़ रहा है. ऐसे में जो लोग इन मजदूरों की मदद कर रहे हैं, उन पर हमला भी शुरू हो गया है.


ऐसा ही एक मामला सामने आया है महाराष्ट्र के पालघर जिले के वसई निर्मल गांव से. यहां कुछ मजदूरों का गांव जाने वाला फॉर्म सामाजिक कार्यकर्ता बृजेश चौहान भर रहे थे और मजदूरों की मदद कर रहे थे. उसी समय दर्शन घरात नामक शख्स वहां पर आया और उसने अपने कुछ लोगों के फॉर्म भरने के लिए बृजेश चौहान से कहा, लेकिन बृजेश ने मना कर दिया और कहा कल आओ. इस बात को लेकर झगड़ा हुआ और मामला पुलिस तक पहुंच गया.


एक दिन बीत जाने के बाद दर्शन घरात ने सामाजिक कार्यकर्ता बृजेश चौहान के घर पर कई लोगों के साथ हमला बोल दिया. घर पर पत्थरबाजी की और उनके और उनके घर वालों के साथ डंडे और लोहे के रॉड से मारपीट की.,जिसमें बृजेश को काफी चोटें आई हैं और मजदूरों की मदद करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता की पत्नी और बच्चों को भी चोट लगी है. उनका इलाज अस्पताल में चल रहा है.


पुलिस निरीक्षक अनंत पराड, जो कि इस मामले की जांच कर रहे हैं, उनके मुताबिक इस मामले में करीब 30 से 35 लोगों पर मारपीट करने, सामाजिक माहौल बिगाड़ने और आपत्तिजनक व्यवहार करने का मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में एक शख्स को गिरफ्तार भी किया गया है. बाकी लोगों की तलाश जारी है.