पटना: लॉकडाउन की मार झेल रहे ऑटो रिक्शा चालकों का बुरा हाल है. ऐसे में उनके बीच एक उम्मीद जगी जब मंगलवार को क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में जिले में ऑड और ईवन नंबर फॉर्मुले के तहत ऑटो रिक्शा चालकों को ऑटो चलाने की अनुमति दे दी गई.


बैठक में निर्णय लिया गया कि जिले के सभी कंटेनमेंट जोन को छोड़कर बाकी जगहों पर ई-रिक्शा और ऑटो रिक्शा चालक को ऑड और ईवन नंबर के तहत ऑटो या ई- रिक्शा चला सकते हैं. इसकी जानकारी देते हुए पटना कमिश्नर संजय अग्रवाल ने बताया कि सोशल-डिस्टेंसिंग का खयाल रखते हुए ऑटो चालक को दो पैसेंजर ही बिठाने की ही इजाजत है, हालांकि किराए को लेकर किसी तरह का कोई निर्णय नहीं लिया गया.


इस बात से नाराज ऑटो रिक्शा चालकों ने आज राजधानी के पटना जंक्शन स्थित टाटा पार्क में शांतिपूर्ण तरीके से और सोशल-डिस्टेंसिंग का खयाल रखते हुए सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज कराया. साथ ही सरकार को चुनौती भी दे डाली.


ऑटो रिक्शा चालक संघ के अध्यक्ष पप्पू यादव ने कहा कि पिछले दो महीने से जबसे लॉकडाउन हुआ है, उन सभी की स्थिति खराब है और वे सरकार से तीन महीने का राशन, दस हजार आर्थिक सहायता और व्यक्तिगत पहचान के तौर पर एक लाख रुपये तक कर्ज मांग रहे हैं. कर्ज मांगने की वजह को साफ करते हुए उन्होंने बताया कि सरकार ने ऑड और ईवन नंबर के तहत उन्हें गाड़ी चलाने की छूट तो दी है लेकिन यात्रियों की संख्या ना के बराबर है.


उन्होंने कहा कि दूसरे जिले से लोग यहां नही आ रहे हैं, बाजार भी पूरी तरह से नहीं खुले हैं. ऊपर से सरकार के निर्देश का पालन करते हुए उन्हें दो पैसेंजर ही बिठाने हैं, लेकिन इसको लेकर किराया किसी प्रकार का तय नहीं है. दो पैसेंजर लेकर वे सड़क पर चलते हैं और इधर डीजल और पेट्रोल की कीमत भी बढ़ गई है तो ऐसे में वे पेट्रोल का खर्च भी नही निकाल पाएंगे तो गाड़ी चलाने का क्या फायदा होगा.


ऑटो चालकों का आरोप है कि सरकार ने केवल उन लोगों को गुमराह करने के लिए ये आदेश दिया है जो कि उनके लिए और मुसीबत का सबब बन गया है. उन्हें गाड़ी का किस्त देनी है, मकान का किराया देना है, राशन दुकानदार को भुगतान करना है, ऐसे हालात में अगर सरकार उन्हें कर्ज नहीं देगी तो वे क्या करेंगे. उनके पास अब कोई रास्ता नहीं है, इसलिए वे प्रदर्शन के माध्यम से सरकार को बताना चाहते हैं कि अतिशीघ्र उन्हें आर्थिक सहायता के साथ-साथ कर्ज और राशन मुहैया कराया जाए, नहीं तो वे कल से दो दिवसीय भूख हड़ताल पर रहेंगे. इस बाबत सूचना उन लोगों ने जिलाधिकारी को दे दी है लेकिन अभी तक किसी प्रकार का कोई जवाब उन्हें नहीं मिला है.


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