अयोध्या: भगवान राम की ससुराल जनकपुर से अयोध्या की बस यात्रा को पीएम नरेंद्र मोदी ने रवाना किया था. अयोध्या में जनकपुर-अयोध्या मैत्री बस यात्रा का स्वागत यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया.

इस मौक़े पर योगी ने कहा कि पीएम ने काठमांडू को काशी और जनकपुर को अयोध्या को जोड़ा है. उनका ये प्रयास सिर्फ़ सांस्कृतिक महत्व का ही नहीं है बल्कि विकास के नजरिए ये भी इसके मायने हैं. मोदी जी ने संबंध जोड़ने की कोशिश की है.

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उन्होंने कहा कि यूपी सरकार ने हमेशा अयोध्या के विकास का ख़्याल रखा है. जल्द ही राम-जानकी मार्ग बनाया जाएगा. अयोध्या को श्रीलंका से भी जोड़ने की योजना है.

बस की इस पहली यात्रा में करीब 32 यात्रियों का जत्था भारत पहुंचा. देवी सीता के मायके और ससुराल के बीच इस बस सेवा को भारत-नेपाल के रोटी-बेटी वाले रिश्तों की नई मुहर माना जा रहा है. अयोध्या को भगवान राम का जन्मस्थल और जनकपुर को माता सीता का जन्मस्थल माना जाता है.

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बस को हरी झंडी दिखाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ''मैं तीर्थ यात्री के तौर पर जनकपुर आया हूं. जनकपुर आने में देरी के लिए माफी मांगता हूं. यह मां जानकी का धाम है, जिसके बिना अयोध्या अधूरी है. नेपाल के बिना भारत की आस्था अधूरी है. नेपाल के बिना भारत का विश्वास अधूरा है. नेपाल के बिना हमारे धाम भी अधूरे हैं और हमारे नाम भी अधूरे हैं.'

क्या है रामायण सर्किट

बता दें कि स्वदेश दर्शन कार्यक्रम के तहत भारत सरकार रामायण सर्किट बना रही है. इसके तहत भगवान राम से जुड़े 13 चर्चित तीर्थ स्थलों को जोड़ा जाएगा. अयोध्या और जनकपुर के बीच में बस चलाना इस दिशा में पहला कदम है.

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इस योजना के तहत यूपी के अयोध्या, श्रृंगवेरपुर और चित्रकूट, बिहार के सीतामढ़ी, बक्सर और दरभंगा, मध्य प्रदेश में चित्रकूट, पश्चिम बंगाल में नंदीग्राम, ओडिशा के महेंद्रगिरी, छत्तीसगढ़ में जगदालपुर, तेलंगाना में भद्रचलम, तमिलनाडु में रामेश्वरम, कर्नाटक में हम्पी, और महाराष्ट्र में नासिक और नागपुर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा.