अयोध्या मामला: अंतिम दौर में पहुंची सुनवाई, रामनगरी में 10 दिसंबर तक धारा 144 लागू
राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर सुनवाई 18 अक्टूबर को पूरी हो रही है. ऐसे में माना जा रही है कि इस पर फैसला जल्द आ सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मंदिर के पक्षकारों से कहा- 18 अक्टूबर तक दलीलें पूरी करें ताकि जजों को फैसला लिखने के लिए 4 हफ्ते का वक्त मिल सके.
नई दिल्ली: कई तरह की दलीलों और बहस के बाद राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले की सुनवाई अब अपने अंतिम दौर में पहुंच गई है. इस मामले में आज 38वें दिन सुनवाई होनी है. सुप्रीम कोर्ट पहले ही साफ कर चुका है कि 18 अक्टूबर के बाद अयोध्या मामले की सुनवाई नहीं होगी और और इस हिसाब से अयोध्या मामले में अब सिर्फ 5 दिन की सुनवाई बची है.
अयोध्या में त्योहारों और सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के तहत धारा 144 लगा दी गई है. जो 10 दिसम्बर तक प्रभावी रहेगी. डीएम अयोध्या अनुज झा के मुताबिक़ अयोध्या में धारा 144 के दौरान किसी तरह की टीवी डिबेट, नौका संचालन और ड्रोन शूटिंग की अनुमति प्रशासन की तरफ से नहीं दी जाएगी. राममंदिर मामले की संवेदनशीलता देखते हुए धारा 144 लागू की गई है. किसी की तरह की आशंका से निपटने के लिए प्रशासन मुस्तैद है.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई को देखते हुए प्रशासन हरकत में आ गया है. अयोध्या में अतिरिक्त सुरक्षा बल भी तैनात किया जा सकता है, स्कूलों को भी बंद कराने की भी तैयारी चल रही है. प्रशासन ने 200 स्कूलों को चिन्हित किया हैं इनमें आने वाली पुलिस फ़ोर्स को रूकने की व्यवस्था की जाएगी.
इस मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर को पूरी हो रही है. इसलिए ये कहा जा रहा है कि नवम्बर में राम मंदिर पर फैसला आ सकता है. लिहाज़ा प्रशासन पूरी तरह से व्यवस्था में लग गया है.
2010 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज़मीन को तीन हिस्सों में बांटने का फैसला दिया था. दो तिहाई हिस्सा हिन्दू पक्ष को मिला था और एक तिहाई सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को. लेकिन कोई भी पक्ष इस फैसले से संतुष्ट नहीं हुआ. सबने सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की. दूसरी तरफ सुन्नी सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड ने भी हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. बाद में कई और पक्षों ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई 2011 को हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी. जिसपर अब सुनवाई हो रही है.
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