अयोध्या मामला: बढ़ सकती हैं कल्याण सिंह की मुसीबतें, करना पड़ सकता है मुकदमे का सामना
अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस मामले में कल्याण सिंह को कोर्ट में पेश करने को लेकर सीबीआई से आधिकारिक दस्तावेज मांगे गए हैं. अयोध्या की स्पेशल कोर्ट में ने सीबीआई की अर्जी पर 16 सितंबर को प्रमाणित दस्तावेज पेश करने को कहा है.
लखनऊ: राजस्थान के पूर्व राज्यपाल और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके कल्याण सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. सीबीआई ने अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने के मामले में कल्याण सिंह को बतौर अभियुक्त तलब करने की याचिका पर उनके राज्यपाल पद से मुक्त होने संबंधी कागजात पेश करने के लिए बुधवार को और समय मांगा. विशेष अदालत ने अर्जी पर सुनवायी के लिए अगली तारीख 16 सितम्बर तय की है.
दरअसल, सीबीआई की अर्जी पर विशेष न्यायाधीश एस के यादव ने गत 9 सितम्बर को सीबीआई को कल्याण सिंह के राज्यपाल पद से मुक्त होने संबधी आवश्यक कागजात पेश करने को कहा था.
इन लोगों के खिलाफ चल रहा है मुकदमा
छह दिसम्बर 1992 को बाबरी ढांचा ढहाने का षडयंत्र रचने के आरोप में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और अन्य के खिलाफ विशेष अदालत में मुकदमा चल रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल 2017 को अपने आदेश में इस मामले की सुनवाई रोजाना करने के आदेश दिए थे. इस मामले में सभी अभियुक्त जमानत पर हैं. हालांकि तब अदालत ने कल्याण सिंह को राजस्थान के राज्यपाल पद पर रहने के कारण संविधान के अनुच्छेद 361 का हवाला देकर कहा था कि कल्याण सिंह को तलब न किया जाए. मगर साथ ही सीबीआई को छूट दी थी कि जैसे ही वह पद से मुक्त हों, उन्हें तलब करने की अर्जी दी जाए.
3 सितम्बर 2014 को राज्यपाल नियुक्त किए गए थे कल्याण सिंह
कल्याण सिंह को 3 सितम्बर 2014 को पांच साल के लिए राज्यपाल नियुक्त किया गया था. राज्यपाल के रूप में उनका कार्यकाल पिछले दिनों ही खत्म हुआ है. सीबीआई ने 1993 में अन्य अभियुक्तों के साथ साथ कल्याण सिंह के खिलाफ भी आरेापपत्र दाखिल किया था.
राम मंदिर का निर्माण पर क्या बोले कल्याण सिंह
'कल्याण सिंह ने राम मंदिर निर्माण पर सभी राजनीतिक दलों से अपने रुख स्पष्ट करने को कहा. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को जनता को बताना चाहिए कि वे राम मंदिर निर्माण को लेकर क्या सोचते हैं. कल्याण सिंह ने कहा, "राममंदिर निर्माण करोड़ों लोगों की आस्था का प्रश्न है. यह राजनीति का विषय नहीं है. जितने भी राजनीतिक दल हैं, वे इस मुद्दे पर जनता के सामने अपना मत स्पष्ट करें कि वे राम मंदिर निर्माण के पक्ष में हैं, या फिर उसके विरोध में."
87 वर्ष के उम्र में सक्रीय राजनीति में वापसी
बता दें कि कल्याण सिंह एक बार फिर बीजेपी में शामिल हो गए हैं. 87 वर्ष के उम्र में उन्होंने सक्रीय राजनीति में वापसी की है. कल्याण सिंह ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की मौजूदगी में एक बार फिर पार्टी की सदस्यता ग्रहण की.
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