वेदांती ने कहा कि हम कह चुके हैं कि इस मुद्दे का फैसला आपसी सहमति से ही बनेगा. हमारे प्रयासों पर नतीजा नज़र आएगा जल्द ही देखिएगा इस आपसी सहमति पर राष्ट्रपति का दस्तखत भी हो जायेंगे.
वेदांती ने इससे पहले भी दावा किया था कि अयोध्या विवाद के पक्षकारों ने मंदिर विवाद को आपसी समझौते से हल करने का फार्मूला आपसी सहमति से निकाल लिया है. वेदांती ने किया है कि कुछ अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन की मध्यस्थता से आपसी सहमति बन गई है. इसके तहत लखनऊ में दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद बनाई जाएगी, जबकि अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर बनेगा. उन्होंने यह भी दावा किया कि मस्जिद बाबर के नाम पर नहीं होगी.
वेदांती ने कहा था कि राम मंदिर का मुद्दा एक अंतरराष्ट्रीय समस्या है. हम मंदिर निर्माण के लिए 2019 का इंतजार नहीं करेंगे.और अब हम चाहतें है कि आपसी समझौते के आधार पर हिन्दू मुस्लिम मिलकर अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण करायें. उन्होंने कहा कि जब तक इस समस्या का समाधान नहीं होगा तब तक भारत मे शांति नही होगी. इसलिए हमारा निवेदन है कि इस समस्या के समाधान के लिए सभी लोग आगे आयें.