लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, उमा भारती और मुरली मनोहर जोशी को 30 मई को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया. यह कोर्ट साल 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले की रोजाना सुनवाई कर रही है.


कोर्ट ने आडवाणी और केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती को व्यक्तिगत पेशी से छूट देने से इनकार कर दिया. आपको बता दें कि छह दिसंबर, 1992 को बाबरी मस्जिद गिराने की साजिश में संलिप्तता को लेकर कोर्ट में चल रहे मामले की सुनवाई में व्यक्तिगत तौर पर पेशी से छूट मांगने के लिए बीजेपी नेताओं ने कोर्ट का रुख किया था.


2001 में CBI कोर्ट ने तीनों नेताओं को कर दिया था बरी


सीबीआई कोर्ट ने साल 2001 में तीनों नेताओं को बाबरी मामले में साजिश रचने के आरोपों से बरी कर दिया था. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने साल 2010 में मामले की सुनवाई के दौरान आरोपों को बरकरार रखा. इस साल अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि बीजेपी, शिवसेना और विश्व हिंदू परिषद के नेताओं को बाबरी मस्जिद को गिराने की साजिश में कथित संलिप्तता के लिए मुकदमे का सामना करना पड़ेगा. सीबीआई ने भी आरोपों को बरकरार रखने पर जोर दिया था.


सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ की विशेष कोर्ट को मामले की रोजाना स्तर पर सुनवाई करने, एक महीने के भीतर ताजा आरोप तय करने तथा दो साल के भीतर मामले का निपटारा करने को कहा था. इस सप्ताह की शुरुआत में पांच आरोपियों ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया, जबकि शिवसेना के नेता ने बुधवार को समर्पण किया, जिसके बाद सभी को जमानत दे दी गई.


वेदांती और गोपाल दास समेत 6 के खिलाफ 30 मई को तय होंगे आरोप


अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाये जाने के मामले की सुनवाई कर रही सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने महंत नृत्य गोपाल दास, महंत राम विलास वेदान्ती, बैकुण्ठ लाल शर्मा उर्फ प्रेमजी, चंपत राय बंसल, धर्म दास और डॉ सतीश प्रधान के खिलाफ आरोप तय करने की तारीख आज बढाकर 30 मई कर दी.


प्रधान कोर्ट में मौजूद थे और चाहते थे कि उनके खिलाफ आरोप आज ही तय हो जाएं लेकिन सीबीआई के स्पेशल जज एस के यादव ने कहा कि उन्हें छोड़कर मामले के पांच अन्य आरोपी उपस्थित नहीं हैं और इन सभी ने आज की पेशी से छूट मांगी है. ऐसे में उनके (प्रधान) अकेले के खिलाफ आरोप तय करना संभव नहीं होगा.


सुनवाई की अगली तारीख पर कोई छूट नहीं


मामले की सुनवाई 30 मई तय करते हुए कोर्ट ने छह आरोपियों को आगाह किया कि अब सुनवाई की अगली तारीख पर कोई छूट नहीं मिलेगी. बाबरी ढांचा ढहाये जाने के मामलों की सुनवाई कर रही कोर्ट कल संभवत: पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, मौजूदा केन्द्रीय मंत्री उमा भारती, सांसद विनय कटियार, साध्वी रितंभरा और विष्णु हरि डालमिया के खिलाफ अतिरिक्त आरोप तय करेगी.


सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल को सीबीआई कोर्ट से कहा था कि वह मामले में उक्त आरोपियों के खिलाफ षड्यंत्र के आरोप भी जोड़े.