नैनीताल: आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रवि शंकर के अयोध्या मामले में मध्यस्थ बनने पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने उनकी निष्पक्षता पर संदेह जताया था. श्री श्री रवि शंकर ने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की ओर से संदेह वाली टिप्पणी को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि लोग जैसा बोलना चाहें, बोलते रहेंगे. अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा नियुक्त तीन सदस्यीय समिति में श्री श्री रवि शंकर भी हैं.


ओवैसी ने हैदराबाद में कहा था, "रविशंकर ने अयोध्या मुद्दे पर चार नवंबर 2018 को विवादास्पद बयान दिया था." उन्होंने कहा, "श्री श्री ने धमकी दी थी कि विवादित जमीन पर अगर मुस्लिमों ने अपना दावा नहीं छोड़ा तो भारत, सीरिया की तरह हो जाएगा." ओवैसी ने शुक्रवार को कहा था कि रविशंकर 'निष्पक्ष व्यक्ति नहीं' हैं.


श्री श्री रवि शंकर शुक्रवार को उत्तराखंड के दौरे पर आए थे. अपने इस दौरे पर आध्यात्मिक गुरु ने पंजाब एवं हरियाणा में नशीले पदार्थों के इस्तेमाल के खिलाफ अपने आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन की सफलता बात की. इसके साथ ही उन्होंने पहाड़ी राज्य में इसी तरह के कार्य की योजना पर बात की.


बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि अयोध्या विवाद से जुड़े पक्ष बातचीत के ज़रिए हल निकालने की कोशिश करें. कोर्ट ने इसके लिए पूर्व जस्टिस एम खलीफुल्ला की अध्यक्षता में 3 मध्यस्थों का एक पैनल भी बनाया है. कोर्ट ने मध्यस्थों से कहा है कि वो 8 हफ्ते में काम खत्म करें. अगर इस प्रक्रिया से कोई हल नहीं निकलता तो कोर्ट में सुनवाई जारी रहेगी.


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