अयोध्याः अयोध्या शहर का माहौल गर्म हो चुका है. यहां रविवार को धर्म संसद का आयोजन होगा. इस सम्मेलन को सफल बनाने के लिए विश्व हिंदू परिषद ने पूरी ताकत झोंक दी है. संतों का यह धर्म संसद करीब चार घंटे दोपहर 12.30 से लेकर शाम के 4.30 बजे तक चलेगा. वहीं राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने यह कहकर मुद्दे को और हवा दे दी है कि राम मंदिर के मुद्दे पर कानून की मांग को लेकर आम लोगों को जागरुक बनाया जाएगा.
इस धर्म संसद में आरएसएस, बजरंग दल, वीएचपी समेत कई अंखाड़ों के संत हिस्सा लेंगे. धर्म संसद से पहले शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे शनिवार को अयोध्या पहुंचेंगे. उद्धव के कार्यक्रम को देखते हुए देश भर के शिवसैनिक भी यहां पहुंचेंगे.
राज्य के सीनियर अधिकारियों और अयोध्या के डीएम-एसएसपी से बातचीत के बाद धर्म सभा का समय तय किया गया. कानून और व्यवस्था से जुड़े अधिकारियों की चिंता इस बात की है कि अयोध्या में पहुंची भीड़ को जल्द से जल्द बाहर कैसे निकाला जाए. प्रशासन की कोशिश है कि विवादित स्थल तक वीएचपी के समर्थक न पहुंच पायें. इसके लिए काफी दिनों से माथापच्ची जारी थी.
जाड़े के मौसम में अयोध्या का राम मंदिर सुबह 7 बजे खुलता है और भोग आरती के बाद पट को 11 बजे बंद कर दिया जाता है. मंदिर का पट दोबारा दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक के लिए खुलता है. यानी रामलला के दर्शन के लिए आठ घंटे का समय मिलता है.
विश्व हिंदू परिषद की धर्म सभा दोपहर 12.30 से शाम 4.30 बजे तक चलेगी. सभा की टाइमिंग इस हिसाब से रखी गई है कि भीड़ राम मंदिर के आस पास न ठहर पाए. अयोध्या पहुंचने वाले लोग सुबह रामलला का दर्शन कर आराम से पैदल धर्म सभा तक पहुंच सकते हैं. भगवान राम का दर्शन सवेरे 11 बजे तक लोग कर सकते हैं. जब तक धर्म सभा खत्म होगी, तब तक राम मंदिर का पट भी बंद हो जाएगा.
ऐसे में लोगों को रामलला के दर्शन के लिए अगले दिन तक का इंतजार करना पड़ेगा. ऐसी स्थिति में धर्म सभा में देर से आने वालों को भगवान के दर्शन के बिना ही लौटना पड़ेगा. मतलब साफ है कि राम जन्म भूमि के विवादित जगह के आसपास भीड़ नहीं जुट पायेगी.
प्रशासन ऐसा ही चाहती थी कि विवादित स्थल के आस-पास भीड़ न जुटे वरना एक वक्त में वहां हजारों भक्तों के जुटने पर कुछ भी होने का डर बना रहता है.
सीएम ने दिए अहम निर्देश
26 साल पहले भी अयोध्या में ऐसी ही भीड़ जुटी थी. देखते ही देखते विवादित ढांचा गिरा दी गई थी. देश भर में दंगे हुए थे. अयोध्या में भी खून खराबा हुआ था. 6 दिसंबर की उस तारीख को लोग अब भी नहीं भुला पाए हैं. इसलिए राज्य के मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ मीटिंग में कुछ अहम निर्देश भी दिया.
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने मीटिंग में कहा कि ''धर्म सभा में आने वाले राम भक्तों से किसी तरह का कोई टकराव न हो.'' ये बात उन्होंने अयोध्या में कानून व्यवस्था को लेकर हो रही एक बैठक के दौरान कही थी.
अयोध्या में इन दिनों उमंग है. उत्साह है. पवित्र कार्तिक मास ख़त्म हो चुका है. हिंदू संगठनों की धर्म सभा के लिए लोग अयोध्या में जुटने लगे हैं. लेकिन सब एक ही सवाल से जूझ रहे हैं राम मंदिर कब बनेगा? सबका सपना भी रामलला का मंदिर है. लेकिन अयोध्या सहमी हुई है. किसी अनहोनी के डर से. ऐसी ही भीड़ जुटने पर यहाँ बहुत कुछ हो चुका है. दिल्ली और लखनऊ में बीजेपी की सरकारें हैं. इसीलिए तैयारी ऐसी है कि कोई अनहोनी न हो.
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