लखनऊ: अयोध्या में रविवार को विश्व हिंदू परिषद और शिवसेना के कार्यक्रम एक साथ होने के चलते किसी भी आशंका के मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किये गये थे लेकिन सबकुछ सामान्य रहा. अयोध्या में पिछले तीन दिन से जमा लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ को संभालने के लिए ''थ्री सर्किल बैरिकेडिंग'' की व्यवस्था की गई थी और पुलिस और प्रशासन के सभी अधिकारी परस्पर संपर्क में थे. यही वजह है कि शिव सेना और विश्व हिन्दू परिषद के कार्यक्रम शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके.


पुलिस प्रशासन पूरी तरह चुस्त और मुस्तैद था हालांकि वहां तैनात पुलिसकर्मियों को केवल लाठी डंडा, हेल्मेट और बॉडी प्रोटेक्टर दिया गया था, उन्हें किसी प्रकार के हथियार नहीं दिए गए थे.

पूरी व्यवस्था को संभालने के लिए लखनऊ से विशेष रूप से अयोध्या भेजे गए अपर पुलिस महानिदेशक (तकनीकी सेवायें) आशुतोष पांडेय के नेतृत्व में 37 आईपीएस और पीपीएस (प्रांतीय पुलिस सेवा) अधिकारी अयोध्या में तैनात थे.

एडीजी पांडेय ने सोमवार को लखनऊ वापस आने के बाद कहा कि अयोध्या के इर्द गिर्द करीब 70 बहुत ही मजबूत बैरिकेड लगाये गये थे और इनके बाद तीन तीन लोहे के बैरिकेड बनाये गये थे. भारी भीड़ अनियंत्रित न हो इस लिये जगह-जगह पर आपताकालीन भीड़ नियंत्रण स्थल बनाये गये थे और वहां से भीड़ को टुकड़े टुकड़े में छोड़ा जा रहा था क्योंकि अचानक भीड़ बढ़ जाने से भगदड़ की संभावना रहती है. इन सभी बैरिकेड पर सिविल पुलिस के जवान तैनात किये गये थे जिन्हें केवल लाठी डंडा, हेल्मेट और बॉडी प्रोटेक्टर दिये गये थे, इनमें से किसी के भी पास आग्नेयास्त्र नहीं थे.'

पांडेय ने बताया कि इसके अलावा 42 कंपनी पीएसी और सात कंपनी आरएएफ को पूरे अयोध्या जिले में जगह जगह पर तैनात किया गया था. साथ ही खुफिया विभाग के पुलिसकर्मी पूरे शहर के चप्पे चप्पे पर तैनात थे. उन्होंने बताया कि इन आयोजनों से पहले शिवसेना और विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर उनकी जरूरतों और कार्यक्रम के बारे में जानकारी ली गई.

एडीजी पांडेय ने कहा कि विहिप की धर्म सभा के लिये आयोजकों ने करीब 6000 बसों की व्यवस्था की थी,इन बसों के लिए अलग पार्किंग स्थल बनाया गया था ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था या जाम की स्थिति न पैदा हो. उन्होंने बताया कि करीब डेढ़ से दो लाख लोग कल देर रात तक अयोध्या से सकुशल वापस हो गये.