अयोध्या: राम मंदिर निर्माण के लिये माहौल बनाने में जुटी विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने अयोध्या में ‘धर्म सभा‘ के जरिये अपना शक्ति प्रदर्शन करते हुए मंदिर बनाने के संकल्प को पूरे देश में फैलाने का संकल्प जाहिर किया.
धर्म सभा में शिरकत करने वाले तमाम संतों एवं धर्माचार्यों ने जोर देकर कहा कि मंदिर निर्माण के लिये अब और इंतजार नहीं किया जा सकता है और उसकी भव्यता से भी किसी भी तरह के समझौते की कोई गुंजाइश नहीं है. साथ ही संतों ने यह इशारा भी दिया कि आने वाले एक-दो महीने यह तय करेंगे कि मंदिर निर्माण की कवायद क्या रुख अख्तियार करेगी.
धर्म सभा में शिरकत करने वाले साधु-संतों और धर्माचार्यों ने कहा कि उन्होंने यहां की मिट्टी पर संकल्प लिया है कि वह राम मंदिर निर्माण के संदेश को पूरे देश में फैलाएंगे. हालांकि धर्म सभा में कोई प्रस्ताव पारित नहीं हुआ.
विहिप के अंतर्राष्ट्रीय महामंत्री चम्पत राय ने धर्म सभा में दिये गये भाषण में साफ कर दिया कि उन्हें मंदिर के लिये जमीन के बंटवारे का फार्मूला मंजूर नहीं है और उन्हें पूरी की पूरी जमीन चाहिये। उन्होंने कहा ‘‘हमें बंटवारे का फार्मूला मंजूर नहीं है. हमें (जमीन का) टुकड़ा नहीं चाहिये. राम मंदिर के लिये पूरी की पूरी जमीन चाहिये.‘‘ उन्होंने कहा कि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को सुप्रीम कोर्ट में दायर मुकदमा वापस लेना चाहिये. अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हर हिन्दू का सपना है और यह हर हाल में बनकर रहेगा. हालांकि राय ने बंटवारे के किसी फार्मूले का खुलासा नहीं किया.
निर्मोही अखाड़ा के महंत रामजी दास ने कहा कि मंदिर निर्माण की तिथि अगले वर्ष की शुरूआत में प्रयागराज कुंभ के दौरान घोषित की जाएगी. मंत्रोच्चार के बीच भक्तमाल की बगिया में धर्मसभा को संबोधित करते हुए रामजी दास ने कहा कि राम मंदिर निर्माण की तिथि की घोषणा 2019 कुंभ के दौरान प्रयागराज में होगी.
स्वामी राम भद्राचार्य ने 11 दिसम्बर के बाद राम मंदिर का रास्ता खुलने की उम्मीद जाहिर की. उन्होंने कहा कि 23 नवंबर को केन्द्र सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री के साथ चर्चा हुई. उन्होंने आश्वासन दिया कि 11 दिसंबर को चुनाव आचार संहिता समाप्त होने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी साधु संतों के साथ बैठेंगे और ऐसा फैसला होगा जो राम मंदिर निर्माण का रास्ता खोलेगा.
उन्होंने कहा कि हमें यह भी बताया गया कि हमसे धोखाधड़ी नहीं की जाएगी. संसद के शीतकालीन सत्र में अध्यादेश लाया जा सकता है. हमें धैर्य रखना चाहिए. कोर्ट से निराश हो चुके हैं. जनता की अदालत हमें धोखा नहीं देगी.
राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपालदास ने मंदिर निर्माण का रास्ता तैयार करने के लिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उम्मीदें जोड़ीं. उन्होंने कहा कि इतनी बडी संख्या में उपस्थिति दर्शाती है कि लोग राम मंदिर से कितनी गहरायी से जुड़े हैं.
उन्होंने कहा कि हम अदालतों का सम्मान करते हैं. हमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बहुत उम्मीदें हैं. ‘‘मैं योगी आदित्यनाथ से आग्रह करता हूं कि वह राम मंदिर निर्माण का रास्ता तैयार करें.’’ करीब पांच घंटे तक चली धर्म सभा में देश के विभिन्न आश्रमों और अखाड़ों के साधु-संतों ने हिस्सा लिया. महन्त रामदास ने बताया कि धर्म सभा में हरिद्वार, छत्तीसगढ़, ऋषिकेश, उज्जैन, गुजरात, चित्रकूट, प्रयागराज और लखनऊ समेत देश के कोने-कोने से एक लाख से ज्यादा साधु-संतों ने हिस्सा लिया.