रामपुर: यूपी में रामपुर का चुनाव बेहद दिलचस्प हो चुका है. एक-दूसरे के चिर प्रतिद्वंदी आजम खान और जया प्रदा आमने सामने हैं. आजम जहां महागठबंधन के लिए मैदान में हैं वहीं बीजेपी ने जयाप्रदा पर दांव खेला है. एक वक्त था जब आजम और जया एक ही पार्टी- समाजवादी पार्टी में थे. लेकिन अब पाले खिंच चुके हैं. इन दिनों दोनों के बीच जबरदस्त वाक युद्ध चल रहा है.


आजम खान ने भाषा की मर्यादा को भूलते हुए कहा,"हम अच्छा बनने की कोशिश करेंगे और इसके लिए मैंने क्या रास्ता अपनाया है. मैंने नाचने वाला स्कूल नहीं खोला है, शराबखाना नहीं खोला है, मैंने ऐसा स्कूल खोला है जहां यूनिवर्सिटी तक पढ़ाई होती है."


इस बयान के दौरान आजम ने कुछ ऐसे शब्द भी कहे जो हम आपको सुना भी नहीं सकते.


इस पर जया प्रदा ने कहा," ये बौखलाहट जो है वो कुछ भी बयान देने को तैयार हैं, और मायावती जी को भी खास तौर पर...उन्होंने छोड़ा नहीं, मायावती जी को भी खूब गाली देते हैं. फिर भी गठबंधन में वो चुनाव लड़ रहे हैं. ये इंसान अपने होश में नहीं है. वो कुछ भी करने के लिए तैयार हैं. और ये अली बली की बातें हो रही हैं... ये किसकी बलि देना चाहते हैं, मुझे आईडिया नहीं है... ये देश के लिए नेताओं को बलि देना चाहते हैं या जयाप्रदा को बलि देना चाहते हैं, पता नहीं..."


आजम खान के विवादित बयान पर के बीजेपी के प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि आजम खान ने कैसी पढ़ाई की है, कैसी जुबान इस्तेमाल की है. क्या कोई चुनाव लड़ने वाला व्यक्ति ऐसी भाषा का प्रयोग करता है. यह भाषा राजनीति को शर्मशार करती है. कल ही उन्होंने बजरंग बलि को बजरंग अली कह दिया. मुस्लिम समाज के लोग नाराज़ हैं कि उन्होंने हज़रत अली को बजरंग अली कह दिया. हार की झुंझुलाहत में वह ऐसी बात कह रहे हैं. रामपुर के लोगों ने उन्हें नकार कर कई बार बीजेपी को जिताया है, इस बार भी जनता बीजेपी को जिताएगी.


सपा नेता आजम खान के दिए बयान पर बीजेपी ने आरोप लगाया है कि आजम खान का दिमागी संतुलन बिगड़ गया है. वह पहले भी ऐसे विवादित और उल जलूल बयान दे चुके हैं. जहां तक जौहर विश्वविद्यालय की बात है वह प्रदेश की जनता की गाढ़ी कमाई से बना है और उस पर सभी का हक है.