इलाहाबाद: योगी सरकार में समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश ने मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के लिए चकरोड और ग्राम समाज की जमीन लेने के मामले में आजम खान के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है. इलाहाबाद के राजस्व बोर्ड ने इस मामले में मंगलवार को आजम खान की आपत्तियों को खारिज कर दिया.


मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी में 'चकरोड' की जमीन शामिल करने को लेकर विवाद है. इस मामले में यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान के खिलाफ रामपुर के डीएम ने याचिका लगाई है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद राजस्व बोर्ड के सदस्यों ने आजम खान की आपत्ति खारिज कर दी और मुकदमे को आगे बढ़ाने की मंजूरी दे दी.


आरोप है कि जब 2007 से 2012 के बीच में आजम खान कैबिनेट मंत्री थे तो उस समय मुरादाबाद के कमिश्नर ने जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन में चकरोड की जमीन शामिल करने की इजाजत दे दी थी. 23 अक्टूबर 2017 को रामपुर के डीएम ने राजस्व बोर्ड के पास याचिका लगाकर इस पर कार्रवाई करने का आदेश मांगा. डीएम का कहना है कि कमिश्नर ने जौहर यूनिवर्सिटी में चकरोड को शामिल करने के लिए अनुचित अनुमति दी थी.


बता दें कि मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के संस्थापक आजम खान हैं और ये आजम खान के पारिवारिक ट्रस्ट से चलता है. याचिका में कहा गया है कि चकरोड की जमीन यूनिवर्सिटी के कैंपस में शामिल नहीं की जा सकती है क्योंकि चकरोड गांववालों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है.