लखनऊ: समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. आर्थिक अपराध शाख और एसआईटी ने आज़म खान के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार का केस चलाने के लिए यूपी सरकार से इजाज़त मांगी है. 2016 में जल निगम में इंजीनियर से लेकर क्लर्क तक के 1300 पदों पर भर्ती हुई थी. आज़म खान उस समय निगम के अध्यक्ष थे. भर्ती में गड़बड़ी को लेकर योगी सरकार ने एसआईटी से जांच कराने के आदेश दिए थे.
एसआईटी ने आजम खान के अलावा जल निगम के तत्कालीन एमडी पीके आसूदानी सहित अन्य लोगों पर रिपोर्ट दर्ज करने की इजाजत मांगी है. एसआइटी ने अपने जांच में पाया है कि जल निगम में भर्ती प्रक्रिया के दौरान नियमों की अनदेखी की गई थी. इस मामले में नगर विकास विभाग के पूर्व सचिव एसपी सिंह की भी भूमिका संदेह के घेरे में है.
इससे पहले एक दूसरे मामले में राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश ने मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के लिए चकरोड और ग्राम समाज की जमीन लेने के मामले में आजम खान के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है.
इलाहाबाद के राजस्व बोर्ड ने इस मामले में मंगलवार को आजम खान की आपत्तियों को खारिज कर दिया. आरोप है कि जब 2007 से 2012 के बीच में आजम खान कैबिनेट मंत्री थे तो उस समय मुरादाबाद के कमिश्नर ने जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन में चकरोड की जमीन शामिल करने की इजाजत दे दी थी.