लखनऊ: राजनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील अयोध्या के राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद केस में स्पेशल कोर्ट कल भी सुनवाई करेगा. ऐसा इस मामले की रोजाना सुनवायी करके दो साल में फैसला सुनाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर किया जा रहा है. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल को स्पेशल कोर्ट को मामले की सुनवायी रोजाना करके दो साल में फैसला सुनाने के आदेश दिए थे.
5 आरोपियों ने किया CBI की स्पेशल कोर्ट में सरेंडर
अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाये जाने के आपराधिक मामले में लखनऊ की स्पेशल सीबीआई कोर्ट (अयोध्या प्रकरण) में कल महंत नृत्य गोपाल दास, महंत राम विलास वेदांती, बैकुंठ लाल शर्मा उर्फ प्रेमजी, चपंत राय बंसल और धर्मदास ने सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. विशेष न्यायाधीश सुरेन्द्र कुमार यादव ने सभी मुल्जिमों की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए उन्हें 20 हजार रूपये की जमानत और इतनी ही धनराशि का निजी मुचलका दाखिल करने पर रिहा करने का आदेश दिया.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा 19 अप्रैल को पारित आदेश के बाद अयोध्या प्रकरण की स्पेशल कोर्ट ने छह मुल्जिमों को तलब किया था. स्पेशल कोर्ट के इसी आदेश के अनुपालन में कल इन पांच मुल्जिमों ने आत्मसमर्पण किया जबकि एक मुल्जिम डॉ सतीश प्रधान हाजिर नहीं हो सके थे.
आपको बता दें कि छह दिसम्बर 1992 को विवादित ढांचा ढहाए जाने के मामले में दो मुकदमे दर्ज हुए थे. सीबीआई ने जांच के बाद इस मामले में कुल 49 मुल्जिमों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. बालासाहेब ठाकरे, कल्याण सिंह, महंत परमहंस रामचंद दासजी, महंत अवैद्यनाथ, महंत नृत्य गोपाल दास, महंत राम विलास वेदांती, बैकुंठ लाल शर्मा उर्फ प्रेमजी, सतीश नागर, मोरेसर सवे, सतीश प्रधान, चपंत राय बंसल और महामंडलेश्वर जगदीश मुनि जी महाराज समेत कुल 13 मुल्जिमों को कोर्ट ने आरोप के स्तर पर ही बरी कर दिया था. इस आदेश को सीबीआई की तरफ से पहले हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई.
मुकदमे के दौरान ही हो चुकी है छह आरोपियों की मौत
लखनऊ में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट (अयोध्या प्रकरण) में फैजाबाद के तत्कालीन जिलाधिकारी आर एन श्रीवास्तव, जयभान सिंह पवैया, आचार्य धमेंद्र देव और सुधीर कक्कड़ समेत कुल 28 मुल्जिमों के मुकदमे की कार्यवाही शुरु हो गई हालांकि अब तक इनमें से छह आरोपियों की मुकदमे के दौरान ही मौत हो चुकी है. शेष मुल्जिम लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, विनय कटियार, उमा भारती, विहिप प्रमुख अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, विष्णु हरि डालमिया व साध्वी रितंभरा समेत आठ मुल्जिमों के मामले की कार्यवाही रायबरेली की स्पेशल कोर्ट में चलने लगी. इनमें अशोक सिंघल व गिरिराज किशोर का निधन हो चुका है.
सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल को सीबीआई की विचाराधीन एसएलपी का निपटारा करते हुए विस्तृत आदेश पारित किया था कोर्ट ने रायबरेली की स्पेशल कोर्ट में चल रही कार्यवाही को लखनऊ स्थित सीबीआई की स्पेशल कोर्ट (अयोध्या प्रकरण) में ट्रांसफर कर दिया था.
स्पेशल कोर्ट ने किया था मुल्जिमों को तलब
कोर्ट ने कहा कि लखनऊ की स्पेशल कोर्ट दिन-प्रतिदिन सुनवायी कर दो साल में मुकदमे का निस्तारण करेगी. सीबीआई के स्पेशल वकील पूर्णनेन्दु चक्रवर्ती के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही स्पेशल कोर्ट से आरोप के स्तर पर ही बरी किए गए मुल्जिमों के खिलाफ भी मुकदमा चलाने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट के इसी आदेश के अनुपालन में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट (अयोध्या प्रकरण) ने मुल्जिमों को तलब किया था.