बदायूं: भारत ने आज ओडिशा के तट से अपनी इंटरसेप्टर मिसाइल का सफलतापूर्वक प्रायोगिक परीक्षण किया और द्विस्तरीय बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली विकसित करने की दिशा में एक अहम उपलब्धि हासिल की. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज भारत द्वारा इंटरसेप्टर मिसाइल के सफलतापूर्व प्रायोगिक परीक्षण को वैज्ञानिकों का ‘बहुत बड़ा पराक्रम’ करार देते हुए इसके जरिये भी विपक्षियों पर निशाना साधा.



                                        प्रतीकात्मक तस्वीर

इंटरसेप्टर मिसाइल का सफलतापूर्वक प्रायोगिक परीक्षण


भारत ने आज ओडिशा के तट से अपनी इंटरसेप्टर मिसाइल का सफलतापूर्वक प्रायोगिक परीक्षण किया और द्विस्तरीय बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली विकसित करने की दिशा में एक अहम उपलब्धि हासिल की. इस इंटरसेप्टर को आईटीआर के अब्दुल कलाम द्वीप (व्हीलर द्वीप) से सुबह सात बजकर 45 मिनट पर प्रक्षेपित किया गया.


रक्षा अनुसंधान विकास संगठन के एक अधिकारी ने कहा कि ‘‘पीडीवी नामक यह अभियान पृथ्वी के वायुमंडल से 50 किमी उपर बाहरी वायुमंडल में स्थित लक्ष्यों के लिए है.’’


उन्होंने कहा, ‘‘पीडीवी इंटरसेप्टर और दो चरणों वाली लक्ष्य मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण हुआ.’’ लक्ष्य को दरअसल 2000 किमी से अधिक दूरी से आती शत्रु बैलिस्टिक मिसाइल के तौर पर विकसित किया. इसे बंगाल की खाड़ी में एक पोत से दागा गया.


एक स्वचालित अभियान के तहत रडार आधारित प्रणाली ने शत्रु की बैलिस्टिक मिसाइल की पहचान कर ली. रडार से मिले आंकड़ों की मदद से कंप्यूटर नेटवर्क ने आ रही बैलिस्टिक मिसाइल का मार्ग पता लगा लिया. पीडीवी को पूरी तरह तैयार रखा गया था. कंप्यूटर सिस्टम से जरूरी निर्देश मिलते ही इसे छोड़ दिया गया. यह अहम दिशासूचक प्रणालियों की मदद से अवरोधन बिंदू तक पहुंच गई. सभी कार्यों का निरीक्षण विभिन्न स्थानों पर स्थित टेलीमीट्री :रेंज स्टेशनों ने तत्काल आधार पर किया.



किसी को भी हमारी फौज पर शक नहीं


मोदी ने एक चुनावी रैली में कहा ‘‘किसी को भी हमारी फौज पर शक नहीं है. हमारे फौजियों ने सीमा पार जाकर सर्जिकल स्ट्राइक किया. दुश्मन होश में भी नहीं आया था लेकिन यहां वालों (विपक्षी दलों) ने हमसे सुबूत मांगना शुरू कर दिया.’’


उन्होंने कहा ‘‘आज मैं पूरे देश को खुशखबरी देना चाहता हूं. हमारे वैज्ञानिकों ने कल रात बहुत बड़ा पराक्रम किया है. आज दुनिया में मिसाइल से लड़ाई होने की सम्भावना देखी जाती है. पाक ने ऐसी मिसाइल बनायी जो हमारे अण्डमान निकोबार तक जा सकती है. लोग मिसाइल बनाकर डरा रहे हैं, लेकिन उससे बड़ा काम देश के वैज्ञानिकों ने कर दिया है. अब आसमान में 150 किलोमीटर उपर भी अगर दुश्मन की कोई मिसाइल आती है तो हमारी मिसाइल उसे वहीं राख कर देगी.’’


दुनिया में सिर्फ चार-पांच देशों के पास ही यह ताकत


मोदी ने कहा ‘‘दुनिया में सिर्फ चार-पांच देशों के पास ही यह ताकत है. उन वैज्ञानिकों ने वीरता का काम किया है, लेकिन मुझे पता है, कि लोग इस पर भी बयान देंगे कि सुबूत क्या है. सुबूत देखना है तो 150 किलोमीटर ऊपर होकर आ जाओ. वह कहेंगे कि चुनाव के बाद जाउंगा, क्योंकि तब वह खाली हो जाएंगे.’’


गौरतलब है कि भारत ने आज ओडिशा के तट से अपनी इंटरसेप्टर मिसाइल का सफलतापूर्वक प्रायोगिक परीक्षण किया और द्विस्तरीय बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली विकसित करने की दिशा में एक अहम उपलब्धि हासिल की. इस इंटरसेप्टर को आईटीआर के अब्दुल कलाम द्वीप (व्हीलर द्वीप) से सुबह सात बजकर 45 मिनट पर प्रक्षेपित किया गया.