मेरठ: चीन की मिनहुआ जांग का दिल बागपत के रहने वाले योगा टीचर रॉबिन पंवार पर आ गया. योगा सीखते-सीखते दोनों के बीच प्यार पनपा और फिर दोनों ने साथ जीने-मरने की कसमें खा लीं. दो दिन पहले बागपत में दोनों परिवारों की सहमति से शादी समारोह में रॉबिन पंवार ने मिनहुआ जांग उर्फ मानवी के साथ फेरे ले लिये.


बागपत के दोघट निवासी किसान सोहनवीर का बेटा रॉबिन पंवार बीए की पढ़ाई करने के बाद हरिद्वार में योग की शिक्षा लेने के लिए चला गया. कोर्स पूरा होने के बाद उसने देहरादून के एक संस्थान में योगा क्लासेज देना शुरू कर दी. करीब 2 साल पहले रॉबिन की मुलाकात चीन की मिनहुआ जांग से हुई. रॉबिन की सादगी मिनहुआ को पसंद आ गयी और दोनों दोस्त बन गये. देहरादून में मिनहुआ करीब डेढ़ महीने तक रहीं.


चीन चले जाने के बाद भी मिनहुआ जांग रॉबिन को नहीं भूल पायीं. इधर रॉबिन का भी हाल कुछ ऐसा ही था. मिनहुआ चीन के तियुडोंग जिले में सरकारी स्कूल में योगा टीचर है. दोनों के हमपेशा होने की वजह ये मुहब्बत की यह कहानी अपनी बुलंदियों तक पहुंच पाई. मिनहुआ ने रॉबिन के लिए चीन में नौकरी तलाशी और फिर उसे नौकरी करने के लिए चीन बुला लिया. लंबे अफेयर के बाद एक दिन मिनहुआ ने अपने परिजनों को रॉबिन से अफेयर की बात जाहिर कर दी.



शुरूआत में परिवार दूसरे देश के युवक के साथ अपनी बेटी की शादी के लिए राजी नहीं था. लेकिन रॉबिन की व्यवहारकुशलता और जीवन शैली देखकर उन्होने अपनी बेटी की शादी रॉबिन से करने की रजामंदी दे दी. इधर, रॉबिन के परिजन चाहते थे कि शादी की रस्म बागपत में हों. इसलिए रॉबिन ने किसी तरह मिनहुआ के परिजनों को बागपत आने के लिए राजी किया. दोनों परिवारों की रजामंदी के बाद 2019 के पहले दिन बागपत के दोघट गांव में शादी का आयोजन हुआ.


भारतीय लिबाज में दुल्हन बनी मिनहुआ ने रॉबिन के नाम की मेंहदी लगाई और बड़े धूमधाम से दोनों ने दोघट में आयोजित समारोह में सात फेरे लिये. इस दौरान चीन से आये मिनहुआ के परिजन भी मौजूद थे. दोनो परिवारों ने इस जोड़े को नई जिंदगी की कामयाबी के लिए आशीर्वाद दिया. रॉबिन के परिवार ने मिनहुआ को मानवी नाम दिया है. दोनों शादी के बाद चीन के लिए रवाना हो गये. रॉबिन अब चीन में ही योगा टीचर के तौर पर काम कर रहे है.