नई दिल्ली: जिस काम को करने में ब्लैक कैट कमांडो के पसीने छूट जाते हैं उसे मायावती की सेना अंजाम देती है. रक्षकों की इस सेना का नाम BVF यानी बहुजन वॉलेंटियर फोर्स है.


सफेद ड्रेस, सिर पर नीली टोपी, कंधे पर पुलिस की तरह निशान ये है बहुजन वॉलिंटर फोर्स यानी BVF का जलवा जो उन्हें बाकी सभी से अलग करता है. जब मायावती का हेलीकॉप्टर उतरता है तो BVF भीड़ रोकती है. जब मायावती मंच पर होती हैं तो BVF रैली को व्यवस्थित करती है.


BVF में जितने पुरुष उतनी महिलायें मौजूद होती हैं. नीली साड़ी और सफेद ब्लाउज पहन कर महिला कार्यकर्ता ख़ुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं. जनसभा में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस की मदद का जिम्मा इन्हीं वॉलिंटयर्स के पास रहता है. BVF में करीब 27 हजार जवान हैं. अधिकांश की उम्र 18 से 40 साल के बीच है.


BVF जवानों को पुलिस की तरह बांटा गया है. इसमें सीओ हैं, दारोगा हैं, एसओ हैं, कांस्टेबल हैं. सभी को अपनी प्रमोशन की उम्मीद भी रहती है. 50 रुपये देकर पार्टी सदस्य बनने के बाद ही इस वॉलियंटर फोर्स में शामिल हो सकते हैं.


इस काम के लिए ना पैसा मिलता है ना मांगते हैं. लेकिन उम्मीद जरूर रहती है घर में किसी की नौकरी लग जाए. मायावती के ये रक्षक अपनी बात बहनजी तक नहीं पहुंचा पाते, इसका अफसोस उन्हें रह जाता है.