बलरामपुर: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के पुलिस जवानों के सामने एक नया दुश्मन आकर खड़ा हो गया है, जिसने सभी जवानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. दरअसल बलरामपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) देव रंजन वर्मा ने सभी पुलिसकर्मियों को अंग्रेजी अखबार पढ़ने और छुट्टी के लिए अंग्रेजी में एप्लिकेशन देने के आदेश दिए हैं. यही आदेश जवानों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है. एसपी रंजन देव वर्मा का यह आदेश पिछले सप्ताह जिले के सभी पुलिस स्टेशनों, जिला पुलिस मुख्यालय और पुलिस लाइंस में वर्कशॉप आयोजित होने के बाद जारी किया.


एसपी साहब का आदेश होने के बाद जिले में पुलिसकर्मियों ने पहले से ही अंग्रेजी सीखने के लिए किताबें और डिक्शनरी खरीदनी शुरू कर दी हैं. हालांकि सूबे के बड़े अधिकारियों ने इस आदेश के बारे में कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है.एडीजी (कानून व्यवस्था) पी.वी. रामशास्त्री ने कहा कि उन्हें इन आदेशों की कोई जानकारी नहीं है और यह निर्णय जिला स्तर पर लिया गया है.


देवीपाटन खंड के डीआईजी राकेश सिंह ने कहा कि उन्हें भी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा, "उच्च स्तर पर ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया गया है. अंग्रेजी का उपयोग महत्वपूर्ण हो या ना हो, यह नीतिगत निर्णय है और पुलिस भर्ती बोर्ड, डीजीपी और अन्य यहां आकलन करते हैं कि हमारे कर्मियों को किसकी जरूरत है. मैं इस संबंध में और कुछ नहीं कह सकता."


अपने आदेश के बचाव में क्या बोले एसपी वर्मा
एस.पी. वर्मा ने हालांकि अपने निर्णय का बचाव करते हुए कहा, "यह पहल इसलिए शुरू की गई क्योंकि सभी साइबर क्राइम और सर्विलांस संबंधित जानकारी अंग्रेजी में आती है और हमारे कर्मियों को भाषा की प्राथमिक जानकारी तो होनी चाहिए. मैंने देखा है कि पुलिसकर्मी कोर्ट के अंग्रेजी में दिए गए निर्णयों को समझने में भारी गलतियां कर देते हैं. इसके बाद मैंने पुलिसकर्मियों को कम से कम अंग्रेजी का शुरुआती ज्ञान प्राप्त करने के लिए इस पहल की शुरुआत करने का निर्णय लिया."


साल 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी वर्मा नौ जून को यहां तैनात हुए थे. उन्होंने कहा कि पुलिस कांस्टेबल अब छुट्टी के लिए आवेदन पत्र लिखने के लिए गूगल का सहारा लेने लगे हैं. उन्होंने कहा, "मैं आवेदनपत्र देखता हूं और स्पेलिंग की गलतियां ठीक करता हूं. मैं चाहता हूं कि वे अंग्रेजी के अखबार पढ़ें, डिक्शनरी खरीदें और यह सुनिश्चित करने के लिए मैं विभिन्न पुलिस स्टेशन जाऊंगा."


मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया का हो रहा है इंतजार, इसी के बाद होगा फैसला
लखनऊ में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर कहा कि इस संबंध में वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं. अधिकारी ने कहा, "एसपी ने यह निर्णय अपनी जिम्मेदारी पर लिया है और जब तक हम इस संबंध में मुख्यमंत्री से कुछ नहीं सुन लेते, तब तक हम ना तो इसे मंजूरी देंगे और ना ही इसे खारिज करेंगे."