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कुंभ के दौरान प्रयागराज में शहनाइयों पर लगी पाबंदी, प्रशासन के फरमान से खतरे में शादियां
प्रशासन ने इस बार तमाम मैरिज हॉलों में शहनाइयां बजने पर इसलिए रोक लगा दी है ताकि मेले के दौरान प्रमुख स्नान पर्वों के दौरान ज़्यादा भीड़ आने पर श्रद्धालुओं को वहां पर ठहराया जा सके. इन मैरिज हॉलों को रिजर्व में रखा जाएगा.
प्रयागराज: कुंभ मेले के दौरान संगम के शहर प्रयागराज में शहनाइयों की गूंज पर ग्रहण लग सकता है. दरअसल प्रयागराज के जिला प्रशासन ने शहर के तमाम गेस्ट हाउस और मैरिज हाल संचालकों को नोटिस जारी कर उनसे कुंभ के प्रमुख स्नान पर्वों और उसके एक दिन पहले व बाद की तारीखों पर कोई बुकिंग नहीं करने का फरमान जारी किया है. इतना ही नहीं गेस्ट हाउस संचालकों को पहले से की गई बुकिंग को रद्द करने को भी कहा गया है.
मेला क्षेत्र जाने वाले रास्तों के अलावा शहर के बाकी गेस्ट हाउस में होने वाली शादियों में भी इन तारीखों पर सड़कों पर बारात निकालने व बाहर गाड़ियां पार्क करने पर रोक रहेगी. प्रशासन के इस फरमान से उन परिवारों में हड़कंप मच गया है, जिन्होंने संगम जाने वाले रास्तों पर पड़ने वाले शादीघरों को महीनों पहले ही बुक करा लिया था. प्रशासन का कहना है कि ज़्यादा भीड़ आने पर श्रद्धालुओं को इन्ही शादीघरों में ठहराया जा सकता है, इसीलिये यहां बुकिंग करने पर रोक लगाई गई है.
संगम के शहर प्रयागराज में चौदह जनवरी से चार मार्च तक कुंभ का मेला लगने जा रहा है. इस बार के कुंभ में तकरीबन पंद्रह करोड़ श्रद्धालुओं के प्रयागराज आने की उम्मीद है. प्रमुख स्नान पर्व पर एक ही दिन में कई करोड़ की भीड़ आती है. जिला प्रशासन ने पहले ही उन बड़े मैदानों व स्कूल-कॉलेजों को गाड़ियों की पार्किंग व श्रद्धालुओं के रैन बसेरे के तौर पर इस्तेमाल करने का फैसला करते हुए मेले के दौरान वहां किसी तरह की बुकिंग पर रोक लगा दी थी. इसके बाद शहर से संगम जाने वाले रास्तों पर पड़ने वाले शादीघरों को छह प्रमुख स्नान पर्वों के साथ ही उनसे एक दिन पहले व बाद बुकिंग नहीं करने का फरमान जारी किया गया.
करीब पचास से ज़्यादा शादीघरों को अगस्त के बाद इन दिनों फिर से नोटिस भेजी जा रही है. हालांकि कुछ जगहों पर अगस्त से पहले ही बुकिंग हो गई थी. तकरीबन इन पचास शादीघरों के अलावा शहर के बाकी गेस्ट हाउसों में भी होने वाली शादियों में भी इन तारीखों पर सड़कों पर बारात निकालने व गाड़ियां पार्क करने पर रोक लगाई गई है. हालांकि संगम के रास्तों के अलावा बाकी शादीघरों में अंदर सादगी से शादियां हो सकेंगी.
हालांकि प्रशासन ने शादीघरों को इस बात की जानकारी काफी पहले ही दे दी थी, लेकिन इसके बावजूद तमाम लोग तकरीबन साल भर पहले ही बुकिंग करा चुके थे. इसके अलावा कई नए शादीघरों को भी इस दायरे में लिया गया है.तमाम लोगों को इस बात की फ़िक्र है कि कहीं उनका शादी समारोह भी आने वाले दिनों में खतरे में न पड़ जाए. दरअसल बड़े मैदानों व स्कूल कॉलेजों की फील्ड को कुंभ में वाहनों की पार्किंग बनाया जाता है.
प्रशासन ने इस बार तमाम शादीघरों में शहनाइयां बजने पर इसलिए रोक लगा दी है ताकि मेले के दौरान प्रमुख स्नान पर्वों के दौरान ज़्यादा भीड़ आने पर श्रद्धालुओं को वहां पर ठहराया जा सके. इन शादीघरों को रिजर्व में रखा जाएगा. प्रशासन के इस फरमान से शादी वाले घरों में हड़कंप है, जबकि गेस्ट हाउस संचालक पशोपेश में हैं. लोगों का मानना है कि शादियों पर सीधे तौर पर रोक लगाए जाने के बजाय इन्हे दायरे में बांधकर आयोजन की मंजूरी दी जा सकती थी.
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