बांदा: उत्तर प्रदेश के बांदा जिला मुख्यालय में गुरुवार रात पुलिस का मानवता को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया. कुएं में गिर कर मरे एक युवक के शव को एंबुलेंस की बजाय ई-रिक्शा पर लाद कर पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया. इस मामले में पुलिस अधीक्षक ने जांच के आदेश दे दिए हैं. पुलिस अधीक्षक एस. आनंद ने माना कि पुलिस से चूक हुई है और शव को ले जाने में नियमों का पालन नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि पुलिस क्षेत्राधिकारी नगर को इस मामले की विस्तृत जांच के निर्देश दिए गए हैं.
सूत्रों के अनुसार, शहर कोतवाली क्षेत्र के कालवन गंज पुलिस चौकी क्षेत्र के निवासी युवक छोटेलाल प्रजापति (30) की गुरुवार रात करीब आठ बजे एक कुएं में गिर कर मौत हो गई. पुलिस ने शव ले जाने के लिए एंबुलेंस का इंतजार नहीं किया और उसे ई-रिक्शे पर लाद कर पोस्टमार्टम के लिए ले गई.
इस संबंध में पुलिस चौकी प्रभारी देवेंद्र कुमार मिश्रा का कहना है कि उन्होंने 108 टोल फ्री नंबर डायल कर एंबुलेंस भेजे जाने की मांग की थी, लेकिन कोई एंबुलेंस नहीं आई. मजबूरन शव ई-रिक्शा पर लाद कर पोस्टमार्टम के लिए ले जाना पड़ा.
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के तिंदवारी विधायक बृजेश प्रजापति ने शुक्रवार को इसे मानवता को शर्मसार करने वाला पुलिस का चरित्र बताया और कहा कि वह इस मामले को मुख्यमंत्री के सामने रखेंगे.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ), बांदा, डॉ. संतोष कुमार ने बताया, "पुलिस ने युवक को खुद ही मृत घोषित कर दिया था. शव को अस्पताल नहीं लाया गया और न ही घटना की सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी गई है."
ई-रिक्शा चालक कामता प्रसाद ने बताया कि पुलिस वाले सवारी ले जाने के बहाने जबरन उसके रिक्शे पर शव लाद दिए थे, और किराया भी नहीं दिया.