बरेली: सावन में हुए कांवड़ विवाद को अभी पुलिस निपटा भी नहीं पाई थी कि अब मोहर्रम के ताजियों ने पुलिस-प्रशासन की टेंशन फिर से बढ़ा दी है. बरेली जिले में जगह जगह ताजिये निकलने को लेकर तनाव है जिस वजह से पुलिस-प्रशासन ढाई हजार से अधिक लोगों को रेड कार्ड जारी किये हैं. इसके आलावा 4 हजार लोगों को 2 सौ करोड़ में मुचलका पाबंद किया है. इसके अलावा गुंडा एक्ट की भी कार्यवाही की गई है. ताजियों को सकुशल निकलवाने के लिए पुलिस-प्रशासन ने पूरी ताकत झोंक दी है.

मोहर्रम में ताजियों के जुलूस को लेकर पुलिस-प्रसासन की बढ़ी टेंशन

मोहर्रम में ताजिये निकालने को लेकर शहर के किला और प्रेमनगर इलाके सबसे ज्यादा संवेदनशील हैं तो बिथरी के खजुरिया ब्रम्हनान, उमरिया, कलारी, चांदपुर बिचपुरी, कंथरिया, सिमरा और भगवानपुर धीमरी गांव में तनाव हैं. इन आधा दर्जन गांवों में पुलिस-प्रशासन ने पूरी ताकत झोंक दी है.

पीस कमेटी की बैठक के साथ-साथ गांव वालों के साथ पंचायतें भी कीं लेकिन समस्या हल नहीं हो सकी है. माहौल ख़राब न हो इसके लिए बाहरी जिलों की पुलिस को भी बरेली में लगाया गया है. इसके आलावा पीएसी और आरएएफ को भी लगाया गया है. कई जगहों पर फ्लैग मार्च भी करवाया गया है.

एसपी सिटी अभिनन्दन सिंह ने बताया कि हम ड्रोन कैमरे का भी इस्तेमाल करेंगे. उनका कहना है कि कुछ असामाजिक लोग है जो खुराफात कर सकते हैं उनके खिलाफ सख्ती से पेश आया जा रहा है. उनका कहना है कि जो भी परम्परागत रुट हैं उन्ही स्थानों से ताजिये निकलेंगे. अगर कोई नई परम्परा डालता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी.



मोहर्रम के जुलूस को लेकर 4 हजार लोगों को 5-5 लाख के मुचलकों में पाबंद किया गया है. इसके साथ ही ढाई हजार लोगों को रेड कार्ड भी दिया गया है. वहीं एडीएम सिटी ओपी वर्मा का कहना है कि 21 सितंबर को मोहर्रम के जुलुस को लेकर प्रशासन ने पूरी तयारी कर ली है.

जिले के सभी एसडीएम और सीओ ने शांति समितियों की मीटिंग की है. जितने भी संवेदनशील गांव हैं वहां पर अधिकारियों ने जाकर लोगो से वार्ता कर ली है. उनका दावा है कि जिले में कोई भी जगह ऐसी नहीं है जिसका हल न निकाला जा चूका हो.

'सावन में नहीं निकलने दी कांवड़ अब नहीं निकलने देंगे ताजिये'

दरअसल बिथरी के खजुरिया ब्रम्हनान, उमरिया, कलारी, चांदपुर बिचपुरी, कंथरिया, सिमरा और भगवानपुर धीमरी गांव में विवाद सावन महीने में कांवड़ विवाद को लेकर उपजा हुआ है. बिथरी के खजुरिया ब्रम्हनान गांव के लोगों का कहना है कि सावन में प्रशासन ने उमरिया गांव से कांवड़ नहीं निकलने दी थी. अब प्रशासन कह रहा है की उमिया गांव के लोग खजुरिया ब्रम्हनान गांव से ही होकर ताजिये निकालेंगे.

ग्रामीणों का कहना है जब हमें कांवड़ नहीं निकालने दी गई तो हम ताजिये भी नहीं निकलने देंगे. ग्रामीणों का कहना है कि खजुरिया ब्रम्हनान दलितों का गांव है जिस वजह से उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही. उन लोगों का कहना है कि पुलिस-प्रशासन उन्हें लगातार परेशान कर रहा है. गांव के करीब पचास लोगों को रेड कार्ड जारी किये गए हैं और इतने ही लोगों को मुचलका पाबंद भी किया गया है.

वहीं उमरिया गांव के लोगो का कहना है कि इस गांव से पहले कभी कावड़िये नहीं जाते थे. उनका कहना है कि ये मुस्लिम बाहुल्य गांव है और यहां केवल मुसलमान ही रहते हैं. उमरिया के ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन ने गांव के कई लोगों को रेड कार्ड जारी किया है और मुचलका पाबंद किया है.