बरेली: उत्तर प्रदेश में इन दिनों मतदाता पुनरीक्षण अभियान चल रहा है. बरेली में मतदाता पुनरीक्षण अभियान कि किस तरह धज्जियां उड़ाई जा रही है इसका जीता जागता उदाहरण कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह के क्षेत्र आंवला में देखने को मिला जहां फर्जी तरीके से बीएसपी सुप्रीमो मायावती, सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और बीजेपीसांसद वरुण गांधी को वोटर बना दिया गया है.
मतदाता सूची में गड़बड़ी से बरेली से लेकर लखनऊ तक मचा हड़कम्प
वोटर लिस्ट में अखिलेश यादव, मायावती, वरुण गांधी, राहुल गांधी के नाम की खबर जैसे ही अफसरों को लगी तो बरेली से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मच गया है. इस मामले में डीएम ने जांच के आदेश दिए हैं. दरअसल 2019 में होने वाले चुनाव के लिए इन दिनों मतदाता पुनरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है. जिसमें 1 जनवरी 2019 तक जितने भी लोग 18 साल के हो जाएंगे वे सभी अपना मत डालने के लिए पात्र होंगे. जिसको लेकर जगह-जगह बीएलओ और बीआरसी मतदाता सूचियों को अपडेट करने में लगे हुए हैं. साथ ही नए वोटर बनाने का सिलसिला भी जारी है.
डीएम ने दिए मामले की जांच के आदेश
बरेली में किस तरह से घर बैठकर फर्जी तरीके से वोटर लिस्ट को अपडेट किया जा रहा है और मतदाता बनाए जा रहे हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की बीएसपी सुप्रीमो मायावती समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी व बीजेपी के सांसद वरुण गांधी को आंवला में वोटर बना दिया गया है. उनके नाम पते तक दर्ज कर दिए गए हैं. जैसे ही यह खबर जिले के आला अधिकारियों को लगी तो हड़कंप मच गया.
इस मामले में जिला निर्वाचन अधिकारी अभिजीत मुखर्जी का कहना है की यह काफी गंभीर मामला है और ईआरसी को मामले की जांच दी गई है. उन्होंने कहा कि मामले की जांच के बाद ही इस बात का पता चल सकेगा कि आखिर इतनी बड़ी गड़बड़ी मतदाता सूची में कैसे हो गई. मायावती, राहुल गांधी, वरुण गांधी, अखिलेश यादव ये वो नाम है जिन्हें शायद ही कोई ना जानता हो. उसके बावजूद इस तरीके से इनको आंवला में वोटर बना देना वाकई एक बड़ी लापरवाही माना जा रहा है.
बरेली: वोटर लिस्ट में आया राहुल-अखिलेश मायावती और वरुण गांधी का नाम, जांच के आदेश
एबीपी न्यूज
Updated at:
14 Nov 2018 09:55 AM (IST)
मतदाता सूची में अखिलेश यादव, मायावती, वरुण गांधी, राहुल गांधी के नाम की खबर जैसे ही अफसरों को लगी तो बरेली से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मच गया है. इस मामले में डीएम ने जांच के आदेश दिए हैं. दरअसल 2019 में होने वाले चुनाव के लिए इन दिनों मतदाता पुनरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है.
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