बरेली: केंद्र की मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ पहले नोटेबंदी की फिर जीएसटी लगाकर ये साफ़ कर दिया कि अब कालाधन रखने वाले और टैक्स चोरी करने वाले बच नहीं सकेंगे. यही वजह है कि अब यूपी के तमाम जिलों में लगातार आयकर विभाग और डीजीजीआई कि छापेमारी हो रही है. इन सभी छापेमारी कि ख़ास बात ये है कि टीम जहां कहीं भी छापा मार रही है वहां कि स्थानीय अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं होती. बरेली में डीजीजीआई की लखनऊ जोनल यूनिट की छापेमारी में तीन कारोबारियों को 1800 करोड़ रुपये के फर्जी बिलिंग कर 100 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी और हेराफेरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. माना जा रहा है की ये टैक्स चोरों और कालाधन रखने वालों के खिलाफ एक बड़ी कार्यवाही है.
डीजीजीआई की लखनऊ जोनल यूनिट ने की छापेमारी
डीजीजीआई की लखनऊ जोनल यूनिट ने बरेली के जिन तीन करोबारियों को गुरुवार को गिरफ्तार किया उनमें जयदीप अग्रवाल, रचिन गुप्ता और सुनील कुमार गुप्ता है. इन तीनों पर 1800 करोड़ रुपये के फर्जी बिलिंग कर 100 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी और हेराफेरी करने का आरोप है. तीनों कारोबारियों को लखनऊ में कोर्ट में पेश किया गया, जहां से इन्हें जेल भेज दिया गया. उत्तर प्रदेश में जीएसटी टैक्स चोरी में इतनी बड़ी कार्रवाई पहली बार की गई है, जिसमें बरेली , कासगंज और शाहजहांपुर कई कारोबारी गिरफ्तार किये गए हैं.
पुख्ता जानकारी होने के बाद महानिदेशक गुड्स एंड सर्विस टैक्स इंटेलिजेंस(डीजीजीआई) की लखनऊ जोनल यूनिट ने खुफिया सूचना के आधार पर बुधवार को छापे की कार्रवाई शुरू की थी. टीम ने बिना स्थानीय अधिकारियों की सूचना के बरेली, शाहजहांपुर और कासगंज जिले के सहावर में छापेमारी के दौरान कई सौ करोड़ की टैक्स चोरी पकड़ी. ये तीनों कारोबारी बोगस इनवाइस बनाकर बिना माल की खरीद-फरोख्त के फर्जी बिलिंग से कारोबार दिखा रहे थे.
टैक्स चोरी करने के लिए बनाई दर्जनों बोग्स कंपनियां
तीनो करोबारियों ने एक दो नहीं बल्कि दर्जनों बोगस कंपनियां बनाकर खुद ही खरीद और बिक्री दिखाई. इन कंपनियों के जरिए चावल, चीनी और अन्य खाद्य पदार्थो की खरीद-बिक्री की गई थी जबकि हकीकत में कोई खरीद-बिक्री हो ही नहीं रही थी. केवल टैक्स चोरी करने के लिए बिलिंग की जा रही थी.
स्कूटर-मोटरसाइकिल पर 20-20 मि.टन चीनी-चावल की दिखाई गई सप्लाई
ये तीनो कारोबारी बड़े ही शातिर हैं और इन्होंने सरकार को करोड़ों की चपत लगाने के लिए जो तरीका अपनाया उसे जानकार आप भी हैरान रह जायेंगे. करोबारियों ने माल की सप्लाई करने के लिए स्कूटर, मोटरसाइकिल, ई-रिक्शा, बस और डंपर के नंबर दिखाए. स्कूटर-मोटरसाइकिल पर 20-20 मि.टन चीनी-चावल की सप्लाई दिखाई गई. जांच में अफसरों को पता चला कि न केवल माल की सप्लाई भेजी गई बल्कि फर्जी तरीके से खुद ही सप्लाई को रिसीव भी की गई. इसके लिए भी फर्जी कागज बनाए गए. इन फर्जी कागजों के जरिए कारोबारी इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा का फायदा उठा रहे थे.
जीएसटी चोरी करने के आरोप में धरे गए तीनों कारोबारी
डीजीजीआई की लखनऊ जोनल यूनिट की छापेमारी में चौकाने वाले खुलासे हुए. छापेमारी के दौरान अफसरों ने जयदीप अग्रवाल के यहां से लगभग 350 करोड़ रुपये के खरीद इनवायस बरामद किए. इसमें 17.53 करोड़ रुपये जीएसटी चोरी की गई और उन्होंने 351 करोड़ रुपये की बिक्री की इनवायस जारी की और इसमें 17.58 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी हुई. इसी तरह रचिन गुप्ता और सुनील कुमार ने 500 करोड़ की खरीद दिखाई जिसमें 25 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी की और 590 करोड़ रुपये की बिक्री दिखाकर 30 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी कर ली.
प्रदेश में और भी है जीएसटी चोर जल्द हो सकती है कई गिरफ्तारियां
एडिशनल डायरेक्टर दिनेश कुमार ने बताया कि अभी तो ये शुरूआती जांच पड़ताल है इसमें बहुत बड़ा रैकेट हो सकता है जो पूरे प्रदेश में अरबो रूपये की जीएसटी चोरी कर रहा है. उन्होंने कहा की इन करोबारियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी तो और भी कारोबारी पकड़े जायेगे. तीनो करोबारियों को 14 दिन की रिमांड पर जेल भेजा गया है. इस पूरे अभियान का नेतृत्व डीजीजीआई लखनऊ के अपर महानिदेशक राजेंद्र सिंह ने किया. इसमें एडिशनल डायरेक्टर दिनेश कुमार, डिप्टी डायरेक्टर अमित कुमार सहित संतोष कुमार, हेमंत चौहान शामिल रही.
कई सीए भी अफसरों के निशाने पर
खास बात ये है की करीब 100 करोड़ की टैक्स चोरी में कई सीए शामिल हैं जिसकी बदौलत इन करोबारियों ने इतनी बड़ी टैक्स चोरी की. टीम अब उन सीए से भी पूछताछ कर सकती है जिनकी सरपरस्ती में इन करोबारियों ने सरकार को करोड़ों का चुना लगाया.