बरेली: आखिरकार 3 तलाक़ पीड़िता रजिया की मौत हो गई. रजिया अब इस दुनिया मे नहीं रही. रजिया को उसके पति ने फोन पर तलाक़ देने के बाद एक महीने तक घर मे कैद करके भूखा प्यासा रखा था. जिसके बाद उसके मायके वालों ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया ईलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.


अनाथ हो गया रजिया का 6 साल का बेटा


रजिया अब इस दुनिया मे नहीं रही. 3 तलाक़ की जंग लड़ते-लड़ते आखिरकार उसकी मौत हो गई. रजिया के पति ने उसे बहुत यातनाएं दी. उसे भूखा प्यासा रखा. कैद करके उसे कमरे में बंद कर दिया. उसे मारा पीटा. रजिया आखिरकार इस दुनिया से चल बसी लेकिन उसका एक 6 साल का बेटा है. मां इस दुनिया में रही नहीं और पिता पहले ही उसे अपने कलेजे से दूर कर चुका है.


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पति ने नर्क बना दी थी ज़िन्दगी, एक महीने तक रखा था कैद


किला के स्वालेंनगर में रहने वाली रजिया की शादी 13 साल पहले 2005 में पड़ोस के मोहल्ले कटघर के नईम से हुई थी. नईम शादी के कुछ दिनों बाद से ही उसे दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगा. उसने जुल्म की इंतिहा कर डाली. रजिया को आए दिन मारना पीटना, भूखा रखना फिर भी रजिया सब कुछ सहकर भी अपनी ससुराल में ही रही और डेढ़ महीने पहले रजिया के पति ने दिल्ली से उसे फोन पर तलाक़, तलाक़, तलाक़ कहकर पल भर में रिश्ता खत्म कर दिया.


दिल्ली से लौटने के बाद जब उसने रजिया को अपने ही घर पर देखा तो वो आग बबूला हो गया, उसने कहा, तलाक़ देने के बाद भी तुम अपने मायके नहीं गई. जिसके बाद उसने उसे एक कमरे में कैद करके भूखा रखा और जब इसकी भनक रजिया के मायके वालों को लगी तो उन्होंने उसे तलाक़शुदा पति की कैद से मुक्त करवाया. लेकिन रजिया तब तक हड्डियों का ढांचा बन चुकी थी. वो बिल्कुल सूख गई थी. अस्पताल में जब उसे भर्ती किया गया तो उसकी हालत ऐसी थी कि वो बोल तक नहीं पा रही थी.


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अस्पताल में इलाज के दौरान मौत


रजिया का जिला अस्पताल में कई दिनों तक इलाज चला, जब उसकी हालत ज्यादा खराब हो गई तो उसे लखनऊ रेफर किया गया. लेकिन रास्ते मे ही उसकी मौत हो गई. रजिया की बहन का कहना है कि वो इंसाफ चाहती है. उनका कहना है कि पुलिस ने उनकी कोई मदद नहीं की.


समाजसेवी फरहत नक़वी ने की मदद


रजिया को जिला अस्पताल से निकाल दिया गया. इस दुख की घड़ी में रजिया के लिए केंद्रीय मंत्री की तलाक़शुदा बहन फरहत नक़वी मसीहा बनकर आई. लेकिन फरहत नक़वी ने जब इस मामले में डीएम और सीएमओ से बात की तो उसे दोबारा भर्ती किया गया और कल लखनऊ ले जाते वक्त रास्ते मे उसकी मौत हो गई.


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कब बनेगा 3 तलाक़ पर कानून


रजिया की ही तरह न जाने कितनी महिलाएं 3 तलाक़ की जंग लड़ते लड़ते इस दुनिया से चल बसी, लेकिन सरकारों ने कभी ध्यान नही दिया. सिर्फ वोट बैंक की राजनीति ही हुई.