बरेली: बरेली में एक हिस्ट्रीशीटर को किन्नर बनाए जाने पर अदालत ने तीन किन्नरों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. किन्नरों ने हिस्ट्रीशीटर सहीम खा उर्फ राजू शमीम का लिंग काटकर उसे किन्नर बना दिया था. गुरूवार को फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ने तीन किन्नरों को उम्र कैद की सज़ा सुनाई है.


10 साल बाद आया फैसला


किला के स्वालेनगर निवासी सहीम खां उर्फ़ राजू शमीम ने बताया की 8 फरवरी 2008 को वे 11 बजे मीनाक्षी किन्नर के घर गए थे. वहां पूनम किन्नर, काके आशा किन्नर, सलीम और एक डाक्टर मौजूद था. सभी लोग सहीम को मीनाक्षी की छत पर ले गए और नशा देकर उसका लिंग काट दिया. इसके बाद शमीम ने डॉक्टर समेत 6 लोगों पर किला थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की और आरोप पत्र आने के बाद इस मामले में अपर सत्र न्यायाधीश अजय सिंह ने सुनवाई की.


सुनवाई के दौरान पेश किये गये साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने तीन आरोपियों पूनम किन्नर, काके और आशा किन्नर को दोषी करार देते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई. कोर्ट ने अपराधियों पर पचास-पचास हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. वहीं सलीम और मुख्य आरोपी मीनाक्षी किन्नर की मौत हो चुकी है. बाकि लोगों को आज न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.


शमीम के आगे पुलिस भी कांपती थी


राजू शमीम ने 16 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में कदम रखा था. कहते हैं कि पुलिस भी उसके आगे थर थर कांपती थी. एक समय था की जब पूरे शहर को हिस्ट्रीशीटर शमीम खा उर्फ़ राजू शमीम खौफजदा कर देता था. हत्या ,लूट उसके लिए आम बात थी. उस पर हत्या लूट जैसे मामलों में 22 मुकदमे दर्ज थे. लेकिन 2006 में सरोज किन्नर से शादी करने के बाद उसने अपराध की दुनिया को अलविदा कह दिया और लावारिस बच्चों का मसीहा बन गया. वो अनाथ बच्चों को पालता पोषता है. उसने सीबीगंज में मदर टेरेसा का मंदिर भी बनाया है.


मुकदमे के दौरान कई बार हुए जानलेवा हमले


सहीम खा उर्फ़ राजू शमीम ने बताया की जब उसने किन्नरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई तो उस पर कई बार जानलेवा हमले हुए. उस पर लगातार समझौते का दबाब बनता रहा लेकिन वो कभी पीछे नहीं हटा और उसने दस साल तक लड़ाई लड़ी. अब जा कर उसे न्याय मिला और उसे किन्नर बनाने वाले हमेशा के लिए सलाखों के पीछे पहुंच गए.