नई दिल्ल्ली: उत्तर प्रदेश में सोमवार का दिन रैलियों का दिन है. पीएम नरेंद्र मोदी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और MIM नेता असदुद्दीन ओवैसी आज अलग-अलग जगहों पर रैली करेंगे. पीएम मोदी जहां कानपुर में परिवर्तन रैली को संबोधित करेंगे वहीं राहुल गांधी जौनपुर में रैली कर रहे हैं. ओवैसी सिद्धार्थनगर में जनता से मुखातिब होंगे.



शहर के बाजारों में दौरा कर रहीं बीजेपी नेताओं की टोलियां


बीजेपी नेताओं का दावा है कि उनकी परिवर्तन रैली में कानपुर और उसके आसपास के जिलों के करीब पांच लाख लोग शामिल होंगे.


रैली में शहर के व्यापारियों को शामिल करने के लिए बीजेपी नेताओं की टोलियां शहर के बाजारों में दौरा कर रही हैं.


ऐसा माना जा रहा है कि नोटबंदी से कारोबार ठप्प होने से नाराज व्यापारियों को मनाने की हरसंभव कोशिश पार्टी नेताओं द्वारा की जा रही है.


व्यापारियों को निमंत्रण दे रहे पार्टी कार्यकर्ता


मोदी की रैली 19 दिसंबर को दोपहर करीब 12 बजे होगी. रैली में लोगों को बुलाने के लिये पार्टी कार्यकर्ता शहर के प्रमुख बाजारों में व्यापारियों को निमंत्रण दे रहे हैं. इसके अलावा रैली के प्रचार के लिये शहर के विभिन्न इलाको में परिवर्तन रथ भी घूम रहे हैं.


भारतीय जनता पार्टी का दावा है कि इस परिवर्तन रैली में कानपुर के अलावा आसपास के जिलों जैसे कानपुर देहात, कन्नौज, फतेहपुर, औरैया, इटावा आदि से पार्टी के कार्यकर्ता शामिल होंगे.


जौनपुर में नोटबंदी के खिलाफ राहुल की रैली


दूसरी तरफ राहुल गांधी जौनपुर में नोटबंदी के खिलाफ रैली करेंगे. इस रैली में पीएम नरेंद्र मोदी के विकास की पोल खोली जाएगी और विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. कांग्रेसी कार्यकर्ता मोदी का का पुतला भी जलाएंगे.



राहुल जौनपुर नगर के बीआरपी कॉलेज के मैदान में जनसभा को संबोधित करेंगे. कांग्रेस की कोशिश है कि 27 साल पहले अपनी खोई सत्ता को किसी तरह वापस लाने के लिए इस रैली से ज़मीन तैयार की जाए और इसके लिए नोटबंदी एक कारगर मुद्दा हो सकता है.


सिद्धार्थनगर में ओवैसी की रैली


उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले के शोहतरगढ़ इलाके में एमआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असुद्दीन ओवैसी आज दोपहर 12 बजे रैली को संबोधित करेंगे. ओवैसी यह रैली केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले के विरोध में करने वाले हैं.


आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में अगले साल चुनाव होने हैं और कोई भी पार्टी इस मुद्दे पर बीजेपी को घेरने का मौका नहीं चाहती और चुनाव में अहम मुद्दे के रूप में इस्तेमाल करना चाहती है.