गोरखपुरः दिवाली के पहले खाद्य विभाग के छापे से हड़कंप मच गया है. खाद्य विभाग की टीम ने भारी मात्रा में मावा और मिलावटी मिठाई बरामद की है. टीम ने चौरीचौरा में तीन दुकानों और उनके गोदाम पर छापा मारकर मिलावटी और मिसब्रांडिंग बेसन और मैदा भी बरामद किया है. इस छापे से ये साफ हो गया है कि शहर ही नहीं ग्रामीण इलाके के बाजार भी मिलावटी खाद्य पदार्थों से पटे हुए हैं.


गोरखपुर के खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम ने 13 क्विंटल मिलावटी मावा और सवा दो सौ क्विंटल छेना की मिठाई बस स्‍टेशन से बरामद की थी. ये माल कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी और गाजीपुर से मंगाया गया था. देर शाम टीम ने चौरीचौरा के बाजार में छापा मारा. यहां पर टीम ने छापा मारकर भारी मात्रा में मिलावटी और मिसब्रांडिंग बेसन बरामद किया. मुख्‍य खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनिल सिंह ने बताया कि बेसन में मटर का आटा मिलाकर मिसब्रांडिंग कर लोकल नाम जैसे राजा-रानी, पुखराज और राजधानी नाम से पैकिंग की गई है.


उन्‍होंने बताया कि इस तरह से बगैर पंजीकरण के किसी भी खाद्य पदार्थ को पैकेट में सील कर बेचना गैर कानूनी है. इसलिए इनके गोदाम को माल समेत सीज कर दिया गया है. मुख्‍य खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनिल सिंह ने बताया कि त्यौहार में खपत ज्‍यादा होने के कारण बेसन में मटर का आटा मिला दिया जाता है. हालांकि खेसारी यूपी में प्रतिबंधित है और इसलिए इसके नमूने भी लिए गए हैं. उन्‍होंने बताया कि हालांकि बेसन में मटर मिलाने से स्‍वास्‍थ्‍य के लिए कोई हानि नहीं है. लेकिन, मिलावट करना पूरी तरह से गैर कानूनी है.


उन्‍होंने बताया कि बेसन के अलावा चावल की खुद्दी, मैदा, चने की दाल, मकई का दर्रा का नमूना लिया है. इसके अलावा 1650 रुपए कीमत का 33 किलो बेसन, 25,920 रुपए कीमत का 25 किलो 623 किलो मटर का आटा सीज किया गया है. मुख्‍य खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनिल सिंह ने बताया कि बेसन में मटर का आटा मिलाने से विक्रेता को अधिक बचत होती है. हालांकि खेसारी की मिलावट का पता नहीं चला है. लेकिन, खेसारी की मिलावट होने से लकवा होने की संभावना प्रबल हो जाती है. इसलिए ये यूपी में प्रतिबंधित है.


सीएम सिटी में जिस तरह से छापेमारी में खाद्य पदार्थों में मिलावट का भंडाफोड़ हो रहा है. उससे ये साफ है कि मिलावटखोर उपभोक्‍ताओं की जेब पर डाका तो डाल ही रहे हैं. उसके साथ ही उनकी सेहत के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं.