मध्य प्रदेश: जो पार्टी जीतती है बैतूल विधानसभा सीट, राज्य में उसकी ही बनती है सरकार
बीजेपी ने इस बार बैतूल सीट पर विधायक हेमंत खंडेलवाल को मैदान में उतारा है. तो वहीं कांग्रेस ने पूर्व विधायक विनोद डागा के बेटे निलय डागा को टिकट दिया है.
भोपाल: मध्य प्रदेश की बैतूल सीट के बारे में कहा जाता है कि वहां से जिस पार्टी का विधायक चुन के जाता है प्रदेश में उसी की सरकार बनती है. पिछले पांच बार के चुनाव से ऐसा ही होता आ रहा है. बीजेपी ने इस बार बैतूल सीट पर विधायक हेमंत खंडेलवाल को मैदान में उतारा है. तो वहीं कांग्रेस ने पूर्व विधायक विनोद डागा के बेटे निलय डागा को टिकट दिया है.
इस सीट पर बीजेपी तीन बार से लगातार चुनाव जीतती आ रही है और प्रदेश में तीनों ही बार उसकी सरकार भी बनी है. साल 1993 में बैतूल के मतदाताओं ने कांग्रेस के डॉ. अशोक साबले को विधायक चुना तो दिग्विजय सिंह की सरकार प्रदेश में काबिज हुई थी. साल 1998 के चुनाव में कांग्रेस ने विनोद डागा को मैदान में उतारा और बैतूल के मतदाताओं ने उन्हें जीत दिलाई तो प्रदेश में दूसरी बार कांग्रेस के दिग्विजय सिंह की सरकार बनी थी.
साल 2003 के विधानसभा चुनाव में बैतूल क्षेत्र से बीजेपी के शिवप्रसाद राठौर जीते थे. उसके बाद लगातार 2008 और 2013 में बैतूल सीट पर बीजेपी अपना परचम लहराने में सफल रही. तीनों ही बार बीजेपी ने प्रदेश की सत्ता में भी कब्जा जमाया. अब इस बार के चुनाव में यह मिथक कितना सच साबित होता है यह तो 11 दिसंबर को नतीजों के बाद ही पता चलेगा.
मध्य प्रदेश में विधानसभा की 230 सीटों के लिए कल वोट डाले जाएंगे. बुधवार को होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए मतदान में पांच करोड़ से अधिक मतदाता 2,899 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे. मतदान को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. मध्य प्रदेश में मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद प्रदेश में कुल 5,04,95,251 मतदाता हैं. इनमें 2,63,01,300 पुरुष, 2,41,30,390 महिला और 1,389 थर्ड जेंडर के मतदाता हैं. इसके साथ ही इसमें 62,172 सेवारत मतदाता हैं जो कि डाक मतपत्र से मतदान कर सकते हैं.
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इस बार के चुनाव के लिए मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. बीजेपी ने प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों के लिए अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं. वहीं कांग्रेस ने 229 प्रत्याशियों को टिकट दिया है, उसने जतारा विधानसभा सीट लोकतांत्रिक जनता दल के लिए छोड़ दी. इन दोनों प्रमुख दलों के अलावा आम आदमी पार्टी ने 208, बीएसपी ने 227, जनाधिकार पार्टी ने 32, बहुजन मुक्ति पार्टी ने 34, समाजवादी पार्टी ने 52, सपाक्स ने 110, शिवसेना ने 81 प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं. इस बार के चुनाव में कुल 1094 निर्दलीय उम्मीदवार भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
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