भागलपुर: अंधविश्वास किसी समाज के लिए एक बीमारी की तरह है. इसकी चपेट में आकर लोग अक्सर गलत कदम उठाते हैं. बिहार के भागलपुर जिले से अंधविश्वास का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें एक चाचा ने अपने भतीजे की नरबली दे दी है.  जानकारी के अनुसार जिले के पीरपैंती के विनोबा टोला में शिवनंदन दास नाम के शख्स ने कन्हैया नाम के अपने भतीजे की बली दे दी.


घटना के संबंध में स्थानीय लोगों ने बताया कि शिवनंदन दास रिश्ते में कन्हैया का चाचा लगता था. शिवनंदन दास की कोई संतान हीं थी. तांत्रिक ने उसे दिवाली की रात घर के ही किसी बच्चे की नरबलि देने की सलाह दी थी. तांत्रिक की बातों में आकर ही शिवनंदन दास ने अपने भतीजे की बलि दे दी. दिवाली की रात उसने भतीजे को पटाखा दिलाने के बहाने बाहर ले जाकर उसकी बलि दे दी. बताया जाता है कि तांत्रिक विलास मंडल ने शिवनंदन से कहा कि अगर वो किसी रिश्तेदार के बच्चे की बलि दे दे तो उसे संतान की प्राप्ति होगी. कन्हैया तीसरी कक्षा का छात्र था.


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जब देर रात तक कन्हैया घर नहीं लौटा तो उसकी मां ने काफी खोजबीन की लेकिन कुछ पता नहीं चला. अंत में सुबह ग्रामीणों ने घर के सामने ही कुछ दूरी पर बांसवाड़ी में कन्हैया की सिर कटी हुई लाश देखी. उसी जगह पर एक कद्दू भी कटा हुआ था. ग्रामीणों के अनुसार ऐसा प्रतीत हुआ कि पहले कद्दू की बलि दी गई फिर कन्हैया की लाश को बांस बिट्टा में फेंक दिया गया.


कन्हैया के पिता पंजाब में मजदूरी करते हैं. कन्हैया अपने घर में सबसे छोटा था. घटना की सूचना पर आज सोमवार को पीरपैंती थाना की पुलिस मौके पर पहुंची. इसके बाद एसडीपीओ डॉ रेषु कृष्णा सहित थानाध्यक्ष और दूसरे पुलिसकर्मी वहां पहुंचे. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भागलपुर भेज दिया. वहीं तांत्रिक विलास मंडल और आरोपी चाचा शिवनंदन दास को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.


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