नई दिल्ली: 2019 के लोकसभा चुनावों में भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने हिस्सा नहीं लेने की बात कही है और अपने संगठन को अराजनीतिक संगठन बताया है लेकिन जेल से रिहा होने के बाद से ही वो चुनावी मोड में दिखाई दे रहे हैं.

पिछले साल हुई सहारनपुर हिंसा से चर्चा में आए चंद्रशेखर ने अब अपने नाम में से 'रावण' शब्द हटा दिया है और साथ ही चेतावनी भी दी है कि जो उनके नाम में ये शब्द जोड़ेगा उसके खिलाफ वो कानूनी कार्रवाई करेंगे.

पश्चिमी यूपी में उनका संगठन धीरे-धीरे अपने पैर फैला रहा है और लोग उन्हें जानने लगे हैं. पिछले 16 महीने से वो एनएसए कानून के तहत जेल में थे. जेल में उनकी तबियत भी बिगड़ी थी जिसकी काफी चर्चा भी हुई थी.

अब वो जेल से बाहर आ गए हैं और बीजेपी पर तीखे तीर चला रहे हैं. उन्होंने मायावती को अपनी रिश्ते की बुआ कहा लेकिन जब मायावती ने किसी भी संबंध को नकार दिया तो चंद्रशेखर ने कहा कि वो हमारी बिरादरी की हैं और हम उन्हें बुआ मानते हैं.

उन्होंने कहा कि उनका नाम चंद्रशेखर है जिसमें साथियों ने आजाद शब्द जोड़ा था और बाद में प्रतीक के तौर पर रावण शब्द जोड़ दिया गया. लेकिन अब वो साफ तौर पर इस शब्द से परहेज करते नजर आ रहे हैं.