इलाहाबाद: 35 दिनों में दूसरी बार तोड़ी गई अम्बेडकर की मूर्ति, प्रशासन ने दिया नई प्रतिमा लगवाने का भरोसा
तोड़ी गई मूर्ति शहर से तकरीबन पैंतालीस किलोमीटर दूर बहरिया ब्लाक के साधोपुर गांव में लगी हुई थी. मूर्ति को देर रात किसी ने तोड़कर दो हिस्से में कर दिया.
इलाहाबाद : यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गृह नगर इलाहाबाद में भारत रत्न बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की एक और मूर्ति तोड़ दी गई है. पैंतीस दिनों के अंदर यह दूसरी घटना है, जब इलाहाबाद में अम्बेडकर की मूर्ति तोड़ी गई है. आज तोड़ी गई मूर्ति शहर से तकरीबन पैंतालीस किलोमीटर दूर बहरिया ब्लाक के साधोपुर गांव में लगी हुई थी. मूर्ति को देर रात किसी ने तोड़कर दो हिस्से में कर दिया.
प्रशासन ने फ़ौरन मूर्ति को अस्थाई तौर पर जुड़वाया
गांव के लोगों को इसकी जानकारी आज सुबह हुई. मूर्ति पर किसी वजनदार चीज से हमला कर उसे दो टुकड़ों में कर दिया गया था. गर्दन से ऊपर का आधा हिस्सा नीचे ज़मीन पर गिरा हुआ था. मूर्ति तोड़े जाने की जानकारी मिलते ही वहां सैकड़ों लोगों की भीड़ जुट गई. हालांकि प्रशासन ने समझदारी दिखाते हुए फ़ौरन मूर्ति को अस्थाई तौर पर जुड़वा दिया. नाराज़ लोगों को यह भरोसा दिलाया गया है कि अड़तालीस घंटों के अंदर यह टूटी हुई मूर्ति हटवाकर इसकी जगह नई प्रतिमा लगवा दी जाएगी.
उठी महापुरुषों की मूर्तियों की सुरक्षा किए जाने की मांग
मूर्ति किसने और किस मकसद से तोड़ी, फिलहाल यह पता नहीं चल सका है. आशंका है कि माहौल खराब करने के लिए किसी ने जानबूझकर इस घटना को अंजाम दिया है. पुलिस का कहना है कि इस मामले में जल्द ही आरोपी का पता लगाकर उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मूर्ति तोड़े जाने के बाद इलाके में कुछ देर के लिए तनाव फ़ैल गया था. हालांकि साधोपुर गांव का माहोल अब सामान्य है. प्रशासन ने मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती कर दी है. हालांकि बीएसपी समेत दूसरी विपक्षी पार्टियों के नेता भी गांव पहुंच रहे हैं. स्थानीय नागरिकों और सियासी पार्टियों के नेताओं ने इसे साजिश करार देते हुए मामले की गहराई से जांच किये जाने, दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किये जाने और महापुरुषों की मूर्तियों की सुरक्षा किए जाने की मांग की है.
गौरतलब है कि इलाहाबाद के झूंसी इलाके में 31 मार्च को अंबेडकर की मूर्ति तोड़ दी गई थी. झूंसी में मूर्ति तोड़े जाने के बाद काफी विरोध भी हुआ था. समाजवादी पार्टी के सांसद नागेंद्र पटेल व दूसरे अन्य लोगों ने धरना भी दिया था. उस घटना के सवा महीने बीतने के बावजूद पुलिस मूर्ति तोड़ने वालों का पता नहीं लगा सकी है.