भोपालः देशभर के बालिका गृह की बद्तर हालत और यहां होने वाले जघन्य अपराध की कलई एक के बाद एक खुलती जा रही है. पहले बिहार के मुजफ्फरपुर फिर यूपी के देवरिया, हरदोई और प्रतापगढ़ के बालिका गृह में बच्चियों के साथ यौन हिंसा और लापता होने के मामले सामने आए और अब मध्य प्रदेश भी इन राज्यों की फेहरिस्त में शामिल हो गया है. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में बालिकाओं के लिए चलने वाले सरकारी हॉस्टल में दिव्यांग से रेप का मामला सामने आया है. संचालक को गिरफ्तार कर लिया गया है.


19 साल की एक मूक बधिर आदिवासी लड़की सरकार द्वारा संचालित इस शेल्टर होम में रह रही थी. महीनों तक यौन उत्पीड़न झेल रही लड़की के साथ हॉस्टल में रहने वाली एक साथी ने पीड़िता के घर वालों को इस दरिंदगी की जानकारी दी. दोस्त ने परिवार से कहा कि उसे बचाया जाए. जिसके बाद लड़की का भाई उसे शेल्टर होम से वापस घर लाया. परिवार को जब कुछ समझ नहीं आया तो वह लड़की को इंदौर के तुकोगंज स्थित मूक-बधिर सहायता केंद्र ले गए जहां लड़की के साइन लेग्वेज में अपनी आपबीती सुनाई.


इसके बाद 'ज़ीरो एफआईआर' के तहत धार के कोतवाली थाना में मामला दर्ज कराया गया. इस केस की डायरी भोपाल पुलिस को सौंपी गई और पुलिस ने 36 साल के शेल्टर होम के संचालक अश्वनी शर्मा को गिरफ्तार कर लिया.


सरकारी हॉस्टल में होती थी दरिंदगी
अश्वनी शर्मा भोपाल में दो ऐसे शेल्टर होम चलाता है और दोनों ही हॉस्टल के लिए फंड समाज कल्याण विभाग देता है. इस मामले के प्रकाश में आने के बाद पुलिस ने दोनों ही हॉस्टल खाली करवा दिया है. भोपाल के डीआईजी धर्मेंद्र चौधरी ने बताया कि पीड़िता ने साल 2016 में आईटीआई भोपाल में दाखिला लिया था और इसके बाद वह इस हॉस्टल में रहने आई थी. पुलिस को पीड़िता ने बताया कि साल 2017 की दिवाली से ही हॉस्टल का संचालक अश्वनी शर्मा उसके साथ बदतमीजी कर रहा था. 24 दिसंबर 2017 को शर्मा ने लड़की को जबदस्ती हॉस्टल के कमरे में ले गया और इस दौरान हॉस्टल की दूसरी लड़की ने उसे बचाने की कोशिश की तो उसे धक्का दिया. कमरे में लड़की का रेप किया गया. पीड़िता ने बताया कि ये मेरे साथ होने वाले अपराध की शुरुआत थी. इसके बाद शर्मा ने कई बार रेप किया. लड़की के विरोध करने पर उसे डराया गया.


घर नहीं जाने देता था
डीआईजी ने बताया कि शर्मा पीड़िता को छुट्टियों में भी घर नहीं जाने देता था और उसे जबरदस्ती हॉस्टल में रोके रखा जाता था. शर्मा पीड़िता से कहता था कि उसके परिवार वाले चाहते हैं कि वह भोपाल में ही रहे. 6 अगस्त को जब घर वालों को इस मामले की जानकारी हुई तो लड़की का भाई उसे लेने आया. जिसके बाद ये पूरा मामला सामने आ सका.