इलाहाबाद: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी में विज्ञापन संख्या 2/16-17 के तहत टीचिंग पदों की भर्ती पर रोक लगा दी है, किन्तु गैर टीचिंग पदों की भर्ती की छूट दी है और कहा है कि ये भर्ती याचिका के निर्णय पर निर्भर करेगी.


विश्वविद्यालय और भारत सरकार से जवाब भी मांगा


कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया में रोस्टर आरक्षण को लागू न करने के मामले में विश्वविद्यालय और भारत सरकार से जवाब भी मांगा है. यह आदेश न्यायमूर्ति विक्रमनाथ तथा न्यायमूर्ति दयाशंकर त्रिपाठी की खण्डपीठ ने आनंद देव राय और अन्य की याचिका पर दिया है.


विश्वविद्यालय के अधिवक्ता वी.के.उपाध्याय ने कोर्ट को बताया कि विज्ञापन सं.11/2016-17 के तहत टीचिंग नान टीचिंग लगभग 400 पदों की भर्ती के लिए बीते दस अप्रैल को साक्षात्कार होना था. हालांकि आठ अप्रैल को विश्वविद्यालय ने साक्षात्कार निरस्त कर दिया है किन्तु 2/2016-17 के विज्ञापन से टीचिंग नान टीचिंग पदों की भर्ती चल रही है. कोर्ट ने इसे याचिका के निर्णय पर निर्भर माना था.


नॉन टीचिंग पदों पर भर्ती जारी रखने की छूट


विवेकानंद तिवारी व अन्य द्वारा दाखिल की गई याचिका को कोर्ट ने स्वीकार करते हुए टीचिंग पोस्ट की भर्ती रोक कर दी है. कोर्ट ने कहा कि प्रकरण विचारणीय है. कोर्ट ने टीचिंग पदों की भर्ती रोक दी और नॉन टीचिंग पदों पर भर्ती जारी रखने की छूट दी है.


याची अधिवक्ता विमलेन्दु त्रिपाठी का कहना था कि बीएचयू को एक यूनिट मानकर भर्ती में आरक्षण लागू किया गया है. जबकि राज्य विश्वविद्यालयों में विभागवार पदों पर आरक्षण रोस्टर लागू किया जाता है. विश्वविद्यालयों ने विश्वविद्यालय को यूनिट मानकर आरक्षण देना आरक्षण काननू के खिलाफ है. भर्ती में प्रोफेसर एसोसिएट प्रोफेसर व सहायक प्रोफेसर की भर्ती की जा रही है.