मेरठ: पूर्वांचल के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में हुई हत्या के मामले में एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है. आगरा की फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि मौका-ए-वारदात से मिली पिस्टल और बजरंगी के जिस्म की गोलियां फोरेंसिक जांच में मेल नहीं खाते है. यानी जिस पिस्टल को पुलिस हत्या में इस्तेमाल किये जाने का दावा कर रही थी उस पिस्टल से चली गोली बजरंगी के जिस्म में नहीं मिली है. इस खुलासे के बाद जेल प्रशासन और बागपत की पुलिस की तफ्तीश पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं.


बरामद पिस्टल और बजरंगी को लगी गोलियां नहीं खाती मेल
मुन्ना बजरंगी की हत्या से जुड़े पहलुओं पर बागपत की पुलिस गंभीरता से जांच कर रही थी. इसी क्रम में जेल के गटर से बरामद पिस्टल को फोरेंसिक जांच के लिए आगरा की लैब में भेजा गया था. दावा था कि इसी पिस्टल से मुन्ना बजरंगी को गोली मारकर कत्ल किया गया. पिस्टल के अलावा बजरंगी के जिस्म में पोस्टमार्टम के दौरान निकाली गई गोलियों को भी फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया था. फोरेंसिक लैब के वैज्ञानिकों ने जब पिस्टल और गोलियों की जांच की तो पता चला कि बजरंगी को लगी गोलियां उस पिस्टल से चलाई ही नहीं गई जो पुलिस ने मौके से बरामद दिखाई है. मौके से बरामद पिस्टल के लिए पुलिस ने करीब 10 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था जिसके बाद जेल के गटर से पॉलीथिन में बंधी पिस्टल और कुछ कारतूस बरामद हुए थे.


तो फिर किस हथियार से चली गोली से हुई हत्या?
मुन्ना बजरंगी की जेल में हुई हत्या की गुत्थी फॉरेंसिक रिपोर्ट के इस खुलासे के बाद और ज्यादा उलझ गई है. सवाल यह है कि बजरंगी की हत्या का आरोपी कुख्यात बदमाश सुनील राठी पहले ही बजरंगी की हत्या करना स्वीकार कर चुका है और फिलहाल उसे शिफ्ट करके फतेहगढ़ भेजा जा चुका है. ऐसे में सुनील राठी का इकबाल-ए-जुर्म यह सवाल खड़े करता है कि बजरंगी की हत्या में आखिर कौन सी पिस्टल इस्तेमाल की गई थी. इस मामले में बागपत के एसपी शैलेश कुमार पांडे ने बताया कि फोरेंसिक रिपोर्ट जांच का हिस्सा है इस बारे में कुछ भी बताया नही जा सकता. उन्होंने इस बात से भी इंकार कर दिया कि फोरेंसिक रिपोर्ट को आपत्ति लगाकर वापस भेजा गया है.


जेल सुरक्षा के बीच हुई थी हत्या
9 जुलाई 2018 की सुबह मुन्ना बजरंगी की जेल परिसर में सुनील राठी ने हत्या कर दी थी. मुन्ना बजरंगी झांसी जेल में बंद था और 9 जुलाई को बागपत की एक अदालत में रंगदारी के एक मुक़दमे में मुन्ना बजरंगी की पेशी होनी थी. मुन्ना बजरंगी बिना किसी आदेश के बागपत जेल में लाया गया था. बताया गया कि जेल में सुनील राठी से विवाद होने पर राठी ने बजरंगी को पिस्टल से गोली चलाकर मार डाला.