पटना: बिहार में प्रदूषण पर नियंत्रण लगाने के लिए 15 साल से पुराने सरकारी डीजल वाहनों के परिचालन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. इस संबंध में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने गुरुवार को जानकारी दी. पटना स्थित पुराना सचिवालय स्थित सभागार में बजट पूर्व परिचर्चा की तीसरी कड़ी में पर्यावरण संरक्षण व प्रदूषण नियंत्रण प्रक्षेत्र से जुड़े लोगों से विमर्श के बाद वित्त मंत्री सुशील ने यह बात कही.
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही पटना और इसके आसपास के नगर निकाय क्षेत्रों दानापुर, खगौल और फुलवारी शरीफ में 15 साल से ज्यादा पुराने व्यावसायिक वाहनों के परिचालन को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है. इन क्षेत्रों में डीजल चालित तिपहिया वाहनों के परिचालन को भी मार्च, 2021 के बाद प्रतिबंधित कर दिया जायेगा.
सीएनजी में वाहनों को तब्दील करने पर सब्सिडी
इसके साथ ही उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राज्य में डीजल और पेट्रोल से चलने वाले तिपहिया वाहनों को सीएनजी में तब्दील करने के लिए 40 हजार रुपये, बैट्री चालित में बदलने के लिए 25 हजार रुपये और सीएनजी किट लगवाने के लिए 20 हजार रुपये का एकमुश्त अनुदान दिया जा रहा है. डिप्टी सीएम ने कहा कि राज्य में प्लास्टिक कैरी बैग पहले से प्रतिबंधित हैं. उन्होंने कहा कि राजधानी पटना के गर्दनीबाग में पांच टन प्लास्टिक अपशिष्ट के प्रोसेसिंग की यूनिट लगाई जा रही है.
बता दें कि बिहार में प्रदूषण को कम करने के लिए राज्य स्तर पर जल-जीवन-हरियाली योजना भी चलाई जा रही है. इस संदर्भ में जागरूकत फैलाने के लिए राज्य में पिछले दिनों मानव श्रृंखला का भी आयोजन किया गया था. यह लगभग 16 हजार किमी लंबी मानव श्रृंखला थी जो कि एक रिकॉर्ड है.
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