पटना/मुजफ्फरपुर: बिहार में चमकी बुखार या एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) बीमारी से अबतक 93 बच्चों की मौत हो चुकी है. इस दौरान हालात का जायजा लेने मुजफ्फरपुर श्रीकृष्ण सिंह मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने इस समस्या को जड़ से समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से राज्य को सभी संभव तकनीक और आर्थिक मदद का आश्वासन दिया.
हर्षवर्द्धन ने मेडिकल कॉलेज का जायजा लेने के बाद कहा, “मैं इस क्षेत्र के लोगों, विशेष रूप से प्रभावित परिवारों को विश्वास दिलाता हूं कि समस्या को जड़ से समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार राज्य सरकार को सभी संभव आर्थिक और तकनीकी सहयोग देगी." उन्होंने इस रोग की वजह से इस इलाके में पिछले कई सालों से हो रही बच्चों की मौत के मद्देनजर एसकेएमसीएच में बीमार बच्चों के लिए मौजूदा व्यवस्था को अपर्याप्त मानते हुए कहा कि यहां कम से कम 100 बिस्तरों वाला बच्चों का अलग से गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) बनना चाहिए.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री को अगले साल तक युद्ध स्तर पर इसे तैयार कर लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि बिहार में चार-पांच जगहों पर स्टेट ऑफ दी आर्ट वाईरोलोजी प्रयोगशाला कुछ ही महीनों के पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा, "इस रोग के इलाज के लिए शिशु रोग विशेषज्ञों के अलावा न्यूरोलोजिस्ट का होना आवश्यक है. इस अस्पताल में निर्माणाधीन सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक का काम अगले छह महीने के भीतर पूरा करने के लिए कहा गया है."
हर्षवर्धन ने कहा कि मुजफ्फरपुर स्थित भारतीय मौसम विभाग के वेधशाला को उन्नत किया जाएगा ताकि इस रोग का अर्द्रता और तापमान के बढ़ने के साथ संभावित संबंध की जानकारी लोगों को मिल सके. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से हुई बच्चों की मृत्यु पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है. मुख्यमंत्री ने इस भयंकर बीमारी से मृत हुए बच्चों के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से शीघ्र ही चार-चार लाख रूपये अनुग्रह अनुदान देने के निर्देश दिए हैं.
नीतीश ने स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन और चिकित्सकों को इस भयंकर बीमारी से निपटने के लिए हरसंभव कदम उठाने का निर्देश देने के साथ एईस से पीड़ित बच्चों के ज़ल्द स्वस्थ होने के लिये ईश्वर से प्रार्थना की है.